अजमेर। राजस्थान में अजमेर प्रशासन द्वारा कोरोना के तहत लॉकडाउन के बावजूद अक्षयपात्र की ओर दिए जा रहे फूड पैकेट वितरण कार्य अचानक बंद करने के विरोध में भाजपा-कांग्रेस के सभी साठ पार्षदों ने कलेक्ट्रेट के बाहर धारा 144 के बावजूद प्रदर्शन करके धरना दिया। पुलिस ने कानून का उल्लंघन करने के आरोप में सभी को हिरासत में ले लिया तथा कुछ देर बाद हिदायत देकर छोड दिया।
शहर में पक्ष और विपक्ष के समस्त पार्षदों ने इस बात को लेकर रोष था कि अक्षयपात्र के माध्यम से नगर निगम के सभी साठ वार्डों में लॉकडाउन के तहत फूड पैकेट वितरण का कार्य चल रहा था, उसे कल प्रशासन ने बिना किसी सूचना के रोक दिया और उसके स्थान पर सूखा किराने का सामान आवंटित कराना शुरू कर दिया।
इस पर पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कड़ा एतराज दर्ज कराकर कलेक्टर से बात की थी, लेकिन प्रशासन द्वारा इस पर कोई निर्णय न लिए जाने के बाद आज निगम के सभी साठ वार्डों के भाजपा कांग्रेस के पार्षद जिलाधीश कार्यालय के बाहर एकत्रित हो गए और सामाजिक दूरी रखते हुए जमकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।
इस पर पुलिस ने सभी पार्षदों को हिरासत में ले लिया, बाद में सभी को हिदायत के बाद छोड़ दिया गया। इससे पहले पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रद्रीप ने कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा से बातचीत की जिसमें कलेक्टर ने फूड पैकेट की व्यवस्था पुनः बहाल करने का आश्वासन दिया।
महापौर धर्मेंद्र गहलोत ने कहा कि नगर निगम के वार्डों में भोजन नहीं पहुंचने से जनता सीधे वार्ड पार्षद पर दबाव बनाती है। ऐसी स्थिति में पार्षद की छवि धूमिल होती है। हिरासत से छोड़े जाने के बाद गहलोत ने कहा कि सभी पार्षद नगर निगम जा रहे हैं और नगर निगम अब अपने स्तर पर चर्चा के बाद कोई फैसला लेगा।
पार्षद नीरज जैन, अनीष मोयल, द्रौपदी देवी सभी ने इस बात पर आक्रोश व्यक्त किया कि बीएलओ द्वारा बनाई गई सूची के लोग योजना के पात्र नहीं है। गलत सूची होने के कारण सूखी सामग्री भी अपात्र लोगों को वितरित की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि वार्डों में बीएलओ का सर्वे सर्वथा गलत है और लॉकडाउन के चलते सभी तरह के जरूरतमंदों को भोजन पैकेट वितरित किए जाने चाहिए।
उधर, भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी, अनिता बधेल और सुरेश सिंह रावत इस सम्बन्ध में कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा से मिले तो शर्मा ने उन्हें अक्षयपात्र व्यवस्था बहाल करने का आश्वासन दिया।
अजमेर : भाजपा और कांग्रेस पार्षद हुए एकजुट, प्रशासन के खिलाफ उतरा गुस्सा