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कोरोना से तबाह होता अमेरिका, विश्व में 'महाशक्ति' बनने के लिए व्याकुल चीन - Sabguru News
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कोरोना से तबाह होता अमेरिका, विश्व में ‘महाशक्ति’ बनने के लिए व्याकुल चीन

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कोरोना से तबाह होता अमेरिका, विश्व में ‘महाशक्ति’ बनने के लिए व्याकुल चीन
America devastated by Corona, China distraught to become 'superpower' in the world
America devastated by Corona, China distraught to become 'superpower' in the world
America devastated by Corona, China distraught to become ‘superpower’ in the world

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का जहर बांटने वाला चीन मौजूदा समय में विश्व की आर्थिक व्यवस्था का नफा-नुकसान का आकलन करने में जुटा हुआ है। आज कई देश कोरोना वायरस के बढ़ते संकट से जूझ रहे हैं और अपने लोगों की मौत और तबाह होती अर्थव्यवस्था के मुहाने पर खड़े हुए हैं।

ऐसे में चीन इन देशों की ओर टकटकी लगाए हुए देख रहा है। इस संक्रमण ने विश्व को तीसरे युद्ध में धकेल दिया है। कोरोना वायरस ऐसा युद्ध है जिसमें संपूर्ण मानव समाज अपनी-अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है।

दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका इस समय कोरोना वायरस के आगे लाचार होकर घुटने के बल खड़ा हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कर चुके हैं कि यह कोरोना वायरस नहीं, बल्कि चीनी वायरस है। सुपर पावर बनने और दुनिया पर दबदबा बनाने की सारी जंग ही इकॉनमी पर टिकी हुई है। अब अमेरिका के मौजूदा हालात ये हैं कि पूरी दुनिया की इकॉनमी कैपिटल माने जाने वाला न्यूयॉर्क कोरोना का एपिसेंटर बन चुका है और पूरी तरह से लॉकडाउन है‌। पिछले कई दिनों से किसी तरह की इकॉनमिक मूवमेंट नहीं हुई है। ये तब है जब अमेरिका में कोरोना के मामले अभी पीक पर नहीं पहुंचे हैं।

चीन इस समय मौके का फायदा उठा रहा है

चीन इस मौके का फायदा उठा रहा है। कोरोना के सामने अमेरिका की इस बेबसी की वजह से दुनिया में एक वैक्यूम यानी खालीपन सा महसूस किया जा रहा है। अब तक दुनिया का सुपरपावर देश यानी अमेरिका ये तय करता था कि दुनिया के हालत क्या होंगे और उसका झुकाव किस तरफ होगा । मगर अब जब खुद सुपरपावर कोरोना वायरस के सामने घुटनों पर है, तो वो दूसरों को क्या रास्ता दिखाएगा। आज तो वो इस महामारी से खुद को ही बचा ले यही उसके लिए बहुत है।

आखिर सत्ता की भूख और विश्व में महाशक्ति बनने की मंशा से शायद चीन की साम्यवादी सरकार ने इस वायरस को जैविक हथियार के रूप में इस्तेमाल तो नहीं किया? जब विश्व मंदी की गिरफ्त में है, तब चीन अपना औद्योगिकीकरण बढ़ा रहा है। चीन से विदेशी निवेशक जा रहे हैं और उनके शेयर को चीन कौड़ियों के भाव खरीद रहा है। चालाक चीन अमेरिका की बेबसी देख रहा है। अमेरिका में कोरोना वायरस के कहर के आगे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी चीन के आगे गिड़गिड़ाने को मजबूर हैं। कोरोना की समस्या निश्चित रूप से चीन के साथ विश्व के अन्य देशों के संबंधों को बुरी तरह से प्रभावित करने वाला है।

इस महामारी के छंटने के बाद विश्व के बदलेंगे समीकरण

ऐसे में अंदेशा है कि विश्वयुद्ध और शीतयुद्ध के बाद वैश्विक समीकरण जिस प्रकार का बना था ठीक उसी प्रकार इस महामारी के बाद विश्व दो ध्रुवों में बंट सकता है जिसमें एक तरफ चीन होगा और दूसरी तरफ अमेरिका। भारत की स्थिति दोनों में से किसी एक के साथ रहने की बन सकती है और यहां संभव है कि भारत एक बार फिर गुटनिरपेक्षता की अपनी नीति को अमल में लाए।

कोरोना के विश्वव्यापी प्रकोप को देखते हुए चीन पर कई तरह के सवाल तो उठ ही रहे हैं, साथ ही एक नवीन वैश्विक व्यवस्था की भी परिकल्पना सामने आने लगी है। ऐसे में भारत का रुख क्या होगा या क्या होना चाहिए यह एक बड़ा प्रश्न है। हालांकि वर्तमान परिदृश्य के हिसाब से देखा जाए तो दुनिया के ज्यादातर देश आने वाले समय में चीन के खिलाफ लामबंद होंगे, तो ऐसे में चीन को भारत की ज्यादा जरूरत महसूस होगी।

यहां हम आपको बता दें कि जब वुहान से बीजिंग लगभग 1100 किलोमीटर और चीन की आर्थिक राजधानी शंघाई छह सौ किलोमीटर दूर हैं, वहां कोरोना वायरस का प्रकोप इतना नहीं देखा गया, जितना कि हजारों किलोमीटर दूर इटली, ईरान, अमेरिका, स्पेन इत्यादि चीन के प्रतिद्वंदी देशों मे देखा गया है। और तो और, पिछले कुछ दिनों में चीन में बहुत ही कम नए मामले आए हैं और बयासी हजार के करीब संक्रमितों में से छिहत्तर हजार के करीब ठीक हो जाना भी आश्चर्य पैदा करने वाला है।

क्योंकि इतना परिवर्तन तो यूरोपीय देशों में भी नहीं देखा गया, जबकि चिकित्सा और विज्ञान के मामले में यूरोपीय देश चीन से कहीं पीछे नहीं हैं। और अब चुपके से इस वायरस का तोड़ उजागर करना क्या चीन को इस वायरस के हमले की सोची समझी साजिश के दायरे में नहीं लाता। चीन ने पिछले दिनों वुहान स लॉकडाउन पूरी तरह हटा लिया है और फिर से वहां बाजार में रौनक लौट आई है।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार