ढाका। बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के दोषी बर्खास्त सैन्य कप्तान अब्दुल माजिद को ढाका सेंट्रल जेल में शनिवार मध्यरात्रि के बाद फांसी दे दी गई। कानून मंत्री अनीसुल हक ने संवाददाताओं को बताया कि उसे मध्यरात्रि के बाद 12:01 बजे फांसी दी गई।
जेल के एक अधिकारी ने बताया कि सिविल सर्जन ने उसे 12:15 बजे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि एक मजिस्ट्रेट, पुलिस प्रतिनिधियों सहित विभिन्न अधिकारियों ने फांसी की सजा का कानून के मुताबिक निष्पादन देखा। जेलों के महानिरीक्षक ब्रिगेडियर जनरल ए के एम मुस्तफा कमाल पाशा भी इस दौरान उपस्थित थे।
पाशा ने बाद में जेल परिसर के सामने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि शव को अब अंतिम संस्कार के लिए माजिद के परिवार के सदस्यों को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ढाका सेंट्रल जेल के केरानीगंज स्थानांतरित होने के बाद फांसी दिए जाने का यह पहला मौका था।
जेलर महबूबुल इस्लाम ने बताया कि फांसी की सजा के समय उपस्थित अधिकारियों में ढाका के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, सिविल सर्जन और जेलों के उप महानिरीक्षक शामिल थे। कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप रोकने के लिए ढाका में लागू प्रतिबंधों के बावजूद आधी रात में बड़ी संख्या में लोग जेल के सामने एकत्रित हुए।
माजिद 1975 के नरसंहार के दोषियों में से एक था जब बंगबंधु की उनके परिवार के अधिकांश सदस्यों और कई अन्य लोगों के साथ हत्या कर दी गई थी। माजिद की पत्नी और चार अन्य रिश्तेदारों ने फांसी दिए जाने से एक दिन पहले उससे जेल में मुलाकात की।
राष्ट्रपति अब्दुल हमीद ने तीन दिन पहले माजिद की दया याचिका खारिज कर दी। माजिद ने फांसी की सजा से बचने के लिए अंतिम दांव खेलते हुए राष्ट्रपति से क्षमादान की अपील की थी लेकिन उन्होंने कुछ ही घंटों बाद उसकी याचिका खारिज कर दी।