नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट से कोरोना वायरस ‘कोविड 19’ जैसी महामारी से निपटने के लिए पीएम केयर्स कोष के गठन को चुनौती दिए जाने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एम. शांतनागौदर की पीठ ने याचिकाकर्ता मनोहर लाल शर्मा को इस तरह की याचिका दायर करके न्यायालय का समय खराब करने के लिए कड़ी फटकार लगाई।
न्यायमूर्ति बोबडे ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के दौरान कहा कि याचिकाकर्ता ने बेकार की याचिका दायर की है। यह कोई कर (टैक्स) का मामला नहीं है। न्यायालय का समय बर्बाद करने पर न्यायालय जुर्माना भी कर सकता है।
शर्मा ने पीएम केयर्स को भ्रष्टाचार की जड़ बताते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं कोष स्थापना में शामिल सभी प्रतिवादियों के खिलाफ विशेष जांच दल से जांच के आदेश दिए जाने चाहिए।
शर्मा ने कहा कि देश के लोगों की मदद के लिए राहत कोष की स्थापना केवल संसद द्वारा की जा सकती है। कोरोना संक्रमित लोगों की मदद के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए कोई अधिसूचना ही जारी नहीं की गई। असल मे यह राहत कोष भ्रष्टाचार करने के उद्देश्य से बनाया गया है।
सुनवाई के दौरान शर्मा ने न्यायमूर्ति बोबडे से आग्रह किया कि वह उनकी बात सुन लें। लेकिन मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि बहस मत कीजिये। हम आपकी याचिका खारिज करते हैं।