अजमेर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी तथा शहर कांग्रेस कमेटी ने कोरोना संकमण के लिए रिहायशी आबादी वाले क्षेत्रों में ‘कोरोना होम शेलटर’ बनाने का विरोध करते हुए इसे प्रशासन का असफल प्रयोग बताया है।
शहर अध्यक्ष विजय जैन ने आज राज्य सरकार तथा जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा को इस संबंध में लिखे पत्र में कहा कि रेलवे म्यूजियम से एक साथ निकले 13 मामलोँ के बावजूद प्रशासन सबक लेने को तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा कि आबादी वाले क्षेत्रों में कोरोना शेलटर होम बनाने से क्षेत्रवासियों में असुरक्षा का भय बना हुआ है। प्रशासन शहर में जगह जगह शेलटर होम बनाने के बजाय, शहर से चार किलोमीटर दूर कायड़ विश्राम स्थली पर सभी को शिफ्ट क्यों नहीं करता, जबकि यहां का परिसर 80 बीघा भूभाग में एकान्त में है, यहां ठहराने की सम्पूर्ण व्यवस्था है।
इसी तरह भाजना देहात अध्यक्ष देवीशंकर भूतडा ने कहा कि प्रशासन द्वारा खानाबदोश लोगों को संक्रमित पाए जाने पर तबीजी ग्राम के मध्य स्कूल में सेंटर बनाकर शिफ्ट किए जाने के निर्णय से क्षेत्र के ग्रामीणजन भय के माहौल में जीने को मजबूर हो गए।
उन्होंने कहा कि 16 अप्रेल को सांसद के नेतृत्व में भाजपा का प्रतिनिधि मंडल कलक्टर से मिला था। तब रेलवे म्यूजियम जैसी घनी आबादी वाले क्षेत्र में खानाबदोशों को रखने पर एतराज जताते हुए उन्हें कायड विश्राम स्थली जैसे सुरक्षित स्थान पर रखने की बात कही थी। किंतु अब कोरोना संक्रमित पाए जाने पर तबीजी ग्राम के मध्य स्थित कस्तूरबा गांधी स्कूल में शेल्टर होम एवं क्वारेंटाइन सेंटर बनाकर शिफ्ट किया है जो सरासर गलत है। इससे क्षेत्र के निवासियों में भारी रोष व्याप्त हो रहा है।
अजमेर में पत्रकार कालोनी कोटडा में अपना घर को शेल्टर होम बना दिया गया है, जहां रिहायशी बस्ती है। भूतडा ने मांग की है कि प्रशासन समय रहते कायड विश्राम स्थली को शेल्टर होम व क्वारेंटाइन सेंटर बनाकर संपूर्ण अजमेर जिले को सुरक्षित रखे। विश्राम स्थली आबादी क्षेत्र से बाहर भी है।