जयपुर। राजस्थान में 159 नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आने के साथ ही इसकी संख्या बढकर मंगलवार को 1735 हो गई वहीं इससे एक महिला की मौत हो गई है।
चिकित्सा विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार आज राजधानी जयपुर में 72, अजमेर में 35, जोधपुर में 16, नागौर में 10, दौसा में सात, भीलवाडा में पांच, हनुमानगढ में पांच, टोंक, कोटा, जैसलमेर एवं सवाई माधोपुर में दो-दो नये कोरोना सक्रमित मरीज तथा झुंझुनूं में एक नया करोना संक्रमित मरीज सामने आया हैं।
इस वेश्विक महामारी से आज जयपुर के एसएमएस हाॅस्पिटल में भर्ती जयपुर में बाबु का टिम्बा, रामगंज निवासी एक 64 वर्षीय महिला की मौत हो गयी। इस महिला को गत 18 अप्रेल को भर्ती कराया गया था। इसके साथ ही राज्य में इससे मरने वालो की संख्या बढकर 26 पहुंच गई है।
विभाग के अनुसार अब तक अजमेर में 59, अलवर में सात, बांसवाडा में 61, भरतपुर में 102, भीलवाडा में 33, बीकानेर में 37, चूरू में 14, दौसा में 20, धौलपुर में एक, डूंगरपुर में पांच, जयपुर में 257, जैसलमेर में 34, झुंझुनूं में 40, जोधपुर में 276, करौली में तीन, पाली में दो, सीकर में दो, टोंक में 96, उदयपुर में चार, प्रतापगढ में दो, नागौर में 71, कोटा में 108, झालावाड 20, बाडमेर एक, हनुमानगढ में आठ और सवाई माधोपुर में सात नये कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए है।
विभाग के अनुसार अब तक 61 हजार 492 सैंपल लिए गए है्ं जिसमें से 1735 पाॅजिटिव मामले, 54 हजार एक सौ नेगेटिव एवं 5657 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है। इसके अलावा 97 लोगों को ठीक होने पर अस्पताल से छुट्टि दे दी गई है।
ईरान से लाए गए स्टूडेंट्स को सेना के विमान से श्रीनगर भेजा
ईरान से एयरलिफ्ट करके जैसलमेर लाए गए 484 नागरिकों में से जम्मू कश्मीर के 180 व्यक्तियों जिनमें अधिकतर स्टूडेंट्स है को आज शाम यहां से श्रीनगर एयरपोर्ट के लिए रवाना किया।
वायु सेना के विशेष विमान से जैसलमेर के सिविल एयरपोर्ट से इन लोगों को रवाना किया गया। ये छात्र काफी समय से अपने राज्य जम्मू कश्मीर भिजवाने की गुहार कर रहे थे। आखिर ग्रह मंत्रालय ने इन्हें श्रीनगर जाने की अनुमति प्रदान की। सेना की ओर से इन सभी लोगों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने एवं 14 दिन का क्वारन्टीन टाइम पूरा होने के बाद भेजा गया।
राजस्थान में कोरोना का रेपिड किट से टेस्ट रोका
राजस्थान में कोरोना वायरस की रेपिड किट से जांच को फिलहाल रोक दिया गया है। चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने बताया कि कोरोना की जांच रेपिड किट से शुरू की थी और जांच में यह किट कितने खरे उतरते हैं, इसके लिए विभाग ने एक समिति बनाई। उन्होंने बताया कि समिति ने रिपोर्ट दी है कि यह जांच में कारगर साबित नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने बताया कि आशा थी कि रेपिड किट जांच में 90 प्रतिशत सही साबित होगा लेकिन यह केवल 5.4 प्रतिशत ही सही पाया गया जो नहीं के बराबर है। समिति के डाक्टरों ने सलाह दी है कि इस किट से कोरोना वायरस की जांच का कोई फायदा नहीं है।
उन्होंने बताया कि आईसीएमआर को पत्र लिखा गया है और इंतजार किया जा रहा है कि आईसीएमआर कहेगा तो रेपिड किट से जांच नहीं कराकर इन्हें वापस भिजवा दिए जाएंगे।