मुंबई। रिपब्लिक टीवी के मुख्य संपादक अर्णब गोस्वामी और उनकी पत्नी पर बीती रात मुंबई में हमला किया गया। पुलिस ने इस संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
पालघर में दो संतों की पीट पीटकर हत्या को लेकर गोस्वामी ने अपने एक कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर टिप्पणी की थी और इसे लेकर उन पर मामले भी दर्ज हुए हैं। केंद्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अर्णब पर हमले की निंदा की है।
उन्होंने कहा अर्नब गोस्वामी पर हमले की कोशिश की हम भर्त्सना करते हैं किसी भी पत्रकार पर हमला करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है या निदंनीय है। ये लोकतंत्र का परिचायक नहीं है। पुलिस इस पर कार्रवाई कर रही है।
अर्नब पर हमला फ्रीडम ऑफ स्पीच के अधिकारों का हनन
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि रिपब्लिक टीवी के एंकर एवं सम्पादक अर्नब गोस्वामी के खिलाफ हमला पत्रकारिता और फ्रीडम ऑफ स्पीच के अधिकारों का हनन है।चाैहान ने ट्वीट के जरिए कहा कि अर्नब गोस्वामी पर हमला पत्रकारिता और फ्रीडम ऑफ स्पीच के अधिकारों का हनन है।
उन्होंने कहा कि सच्चाई का गला घोंटने के अपने कुत्सित प्रयास में कांग्रेस सफल नहीं होगी। वैचारिक मतभेद है, तो उसका जवाब विचारों से दीजिए। डराकर किसी की आवाज़ को आप दबा नहीं सकते हैं।
नायडू ने की अर्णब पर हमले की निंदा
तेलुगु देशम पार्टी अध्यक्ष एवं आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने रिपब्लिक टीवी के एडीटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी पर मुंबई में हुए हमले की निंदा की है।
नायडू ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर गुरुवार को लिखा, मैं वरिष्ठ पत्रकार अर्णब गोस्वामी पर हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। मैं सभी से हिंसा का सहारा नहीं लेने और अनावश्यक रूस से पत्रकारों को लक्षित नहीं करने की अपील करता हूं।
उल्लेखनीय है कि गोस्वामी और उनकी पत्नी पर कथित तौर पर दो मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने उस समय हमला किया था जब वह मुंबई में दफ्तर से घर लौट रहे थे। इस सिलसिले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री का कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति को रौंदने की समृद्ध परंपरा को जारी रखते हुए कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों द्वारा अर्णब गोस्वामी को धमकाने और डराने की हरकतें निंदनीय हैं। इसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है।
अपने बयान में शेखावत ने कहा कि संवैधानिक मापदंड कांग्रेस के लिए कोई मायने नहीं रखते। इनके देश, धर्म और दुनिया के मूल सिद्धांत चाटुकारिता से शुरू होकर वहीं पर समाप्त हो जाते हैं। किसी पत्रकार को अपनी बात रखने के लिए उसके प्रति हिंसात्मक हो जाना “एक परिवार पार्टी” की कुंठित मानसिकता को उजागर कर रहा है।
उन्होंने कहा कि जब पालघर में संतों की निर्मम हत्या पर कांग्रेस की इच्छाधारी चुप्पी, उनकी सांप्रदायिक और तुष्टीकरण की राजनीति पर सवाल करोगे तो आप पर हमला भी हो सकता है। एक परिवार पार्टी की विचारधारा सहूलियत के अनुसार संप्रदायों और वर्गों में विवाद पैदा करना है।
शेखावत ने सवाल किया कि क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सिर्फ़ कांग्रेस की है? वह गरीब का उपहास उड़ा सकते हैं, प्रधानमंत्री को गाली दे सकते हैं, जनता से झूठ बोल सकते है, देश को गुमराह कर सकते हैं और संविधान की मर्यादा भंग कर सकते हैं, लेकिन अगर कोई सवाल करेंगे तो आप के साथ हिंसा होगी।