नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना की रोकथाम के लिए देश में लागू लॉकडाउन के 30वें दिन गुरुवार को बीते 24 घंटों के दौरान इस विषाणु के कारण 34 लोगों की मौत हुई तथा 1300 से अधिक लोग इससे संक्रमित हुए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने गुरुवार को यहां नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश में कोरोना वायरस ‘इक्पोनेन्सियल’ नहीं है और यह ‘लाइनियर’ है। उन्होंने कहा कि हमने 30 दिन के लॉकडाउन के दौरान इस संक्रमण के फैलने की गति को कम करने में कामयाबी हासिल की है।
पर्यावरण सचिव सीके मिश्रा ने कहा कि गत 30 दिनों में कोरोना वायरस की जांच की संख्या 15000 से बढ़कर पांच लाख हो गयी है। उन्होंने कहा कि आकंड़े निकाले जाएं, तो यह 30 दिनों में लगभग 33 गुना हो जाती है हालांकि यह काफी नहीं है और हमें देश में टेस्ट की गति को बढ़ाने की जरूरत है।
सरकार ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते केन्द्रीय कर्मचारियों और पेशनरों के महंगाई भत्ते पर जून 2021 तक रोक लगा दी है और वर्तमान दरें जून 2021 तक जारी रहेंगी।
इस संबंध में वित्त मंत्रालय द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार कोविड-19 से उत्पन्न संकट को देखते हुये केन्द्रीय कर्मचारियों और पेशनरों के एक जनवरी 2020 से बकाया महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं करने का निर्णय लिया गया है। इसी क्रम में एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 से देय महंगाई भत्ते का भुगतान भी नहीं किया जाएगा।
इसमें कहा गया है कि कर्मचारियों और पेंशनरों को वर्तमान दरों पर महंगाई भत्ते का भुगतान जारी रहेगा। इसमें कहा गया है कि एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2020 में होने वाली बढ़ोतरी एक जुलाई 2021 से दी जाएगी लेकिन एक जनवरी 2020 से लेकर 30 जून 2021 तक का कोई बकाया महंगाई भत्ता नहीं दिया जाएगा।
कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ की महामारी से लड़ने में देवदूत की भूमिका निभा रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर हमलों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की मंजूरी मिल गई और इसके साथ ही यह कानून पूरे देश में लागू हो गया। कोविंद ने देर बुधवार रात महामारी (संशोधन) अध्यादेश, 2020 पर हस्ताक्षर किए।
इस अध्यादेश में प्रावधान है कि स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों को अधिकतम सात साल की सजा और पाँच लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। साथ ही किसी स्वास्थ्यकर्मी की गाड़ी या क्लीनिक आदि को नुकसान पहुंचाने वाले को उस संपत्ति के बाजार मूल्य की दुगुनी राशि हर्जाने के रूप में देनी होगी। इसमें 30 दिन के भीतर जांच और एक साल के भीतर सुनवाई पूरी करने का प्रावधान है।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने लॉकडाउन के दौरान बच्चों की पढ़ाई को रुचिकर बनाने के लिए गुरुवार को उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा छह से आठ) के लिए वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर जारी किया। उन्होंने कहा कि इस कैलेंडर में शिक्षकों के लिए तकनीक और सोशल मीडिया उपकारों के उपयोग के दिशा निर्देश भी दिए गए हैं ताकि बच्चों को बेहतर तरीके से ऑनलाइन शिक्षा दी जा सके।
जिन बच्चों के पास इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है जिसकी वजह से वो सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, गूगल मेल और गूगल हैंगऑउट का उपयोग नहीं कर सकते, उनको शिक्षक मोबाइल पर एसएमएस भेज कर या फ़ोन कर के शिक्षा प्रदान कराने के दिशा-निर्देश भी इस कैलेंडर में दिए गए हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को स्पष्ट किया है कि सीनियर सिटीजंस की देखभाल करने के लिए अटेंडेंट की और देखभाल संबंधी सेवाओं को छूट दी गई हैं और प्री-पेड मोबाइल चार्ज कराने संबंधी रियायतें दी गई हैं।
शहरी क्षेत्रों में फूड प्रोसेसिंग इकाई जैसे दूध, ब्रेड और आटा फैक्टरियों को काम करने की अनुमति दी गई थी। इसी अवधि से बीजों के आयात निर्यात, बागवानी उत्पादों, कृषि और बागवानी शोध संस्थाओं और शहद की आवाजाही पर कोई रोक नहीं है। उन्होंने बताया कि अब शैक्षिक पुस्तकों की दुकानों, बिजली के उपकरणों और पंखे की दुकानों को अनुमति दे दी गई है।