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लॉकडाउन होने से नदियों का पानी खूब हुआ स्वच्छ और निर्मल - Sabguru News
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लॉकडाउन होने से नदियों का पानी खूब हुआ स्वच्छ और निर्मल

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लॉकडाउन होने से नदियों का पानी खूब हुआ स्वच्छ और निर्मल
The water of the river becomes clean due to the lockdown
The water of the river becomes clean due to the lockdown
The water of the river becomes clean due to the lockdown

भारत। लॉकडाउन होने के वजह से हमारे देश की सभी नदियों का पानी इस समय स्वच्छ निर्मल दिखाई दे रहा है। भले ही आज कोरोना वायरस की वजह से लोगों के घरों से निकलने की पाबंदियां लगी होने से लोग नदियों में इस समय स्नान नहीं कर सकते हैं लेकिन जो तस्वीरें गंगा-यमुना आदि नदियों की आ रही है उससे मालूम होता है कि यह दोनों नदियां वर्षों बाद इतनी साफ दिखाई दे रही है। आमतौर पर गंगा नदी के पानी के नीचे की सतह देख पाना मुश्किल होता था। लेकिन लॉकडाउन के चलते यह मुमकिन हुआ है।

गंगा नदी का पानी इतना साफ हो गया कि नदी के नीचे जमीन की सतह भी नजर आने लगी है। सालों बाद प्रकृति का ऐसा रूप देखने को मिला है। बता दें कि लॉकडाउन के कारण लोग घरों में बंद है। सड़कों पर वाहन, बाजार, बस, रेल, हवाई जहाज सभी पूरी तरह बंद हैं। व्यावसायिक और फैक्ट्रियों में काम बंद पड़ा हुआ है। जिसके चलते मानों प्रकृति अपनी मरम्मत करने में जुटी हो। गंगा नदी को स्वच्छ रखने के लिए सालों से कितनी योजनाएं चल रही है और कितने ही रुपये खर्च कर दिए गए। लेकिन ऐसे नतीजे पहले कभी नहीं दिखे जो अब लॉकडाउन के समय सामने आए हैं।

इंसानों का ही सबसे बड़ा योगदान रहता है प्राकृतिक को सहेजने में

किसी भी देश के प्राकृतिक चीजों को सहेजना और संभाल कर रखना इंसानों का ही सबसे बड़ा योगदान माना जाता है। कोरोना के चलते दुनिया भर में लगा लॉकडाउन इंसानों के लिए जरूर मुसीबत बना है लेकिन इसकी वजह से धरती दोबारा खुद को संजोने में कुछ हद तक कामयाब रही है।

न गाडियों का शोर-शराबा, न गाडियों से निकलता काला धुंआ, न भीड़-भाड़, न इंसानों के फेंके हुए कचरे का ढेर, न भारी मशीनों के चलने से होने वाली गड़गड़ाहट और न ही ऊर्जा की बेतहाशा खपत। इसमें कोई शक नहीं है कि ये सभी कुछ कोरोना के डर की बदौलत हुआ है। लेकिन, इस डर की वजह से वो हुआ है जो वो कर पाने में आज तक दुनिया की सभी सरकारें नाकाम साबित हुई थीं। वर्तमान में जारी लॉकडाउन से नदियां फिर से साफ होने के साथ सांस लेने लगी हैं। भारत की ही बात करें तो लॉकडाउन के दौरान पूरे देश की हवा सांस लेने लायक हो गई है।

गंगा-यमुना को साफ करने के लिए केंद्र सरकार ने बनाई थी खास योजना

केंद्र की मोदी सरकार वर्ष 2014 में जब आई थी तब से ही गंगा जमुना समेत तमाम नदियों को साफ सफाई स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए कई योजना बनाई गई थी। इसके लिए विधिवत रूप से एक अलग मंत्रालय का भी गठन किया गया था लेकिन तब से लेकर अब तक लगभग 6 वर्ष हो चुके हैं गंगा जमुना की सफाई में कोई खास अंतर नहीं आया था जैसे पहले थे वैसे ही आज भी बनी हुई है। हां इसके लिए कितने रुपये जरूर बर्बाद कर दिए हैं।

गंगा और यमुना की साफ सफाई न होने पर कई बार विरोधी दल के नेताओं ने केंद्र सरकार पर हमला भी बोला था। दरअसल भारत में लॉकडाउन के बाद वायु और जल प्रदूषण में भारी कमी देखने को मिली है। यहां तक कि यमुना नदी भी लॉकडाउन के बाद काफी हद तक साफ हो गई है। लॉकडाउन के दौरान हरिद्वार की हरकी पैड़ी हो या कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी के गंगा घाट इस समय बहुत ही सच दिखाई दे रहे हैं।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार