नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त कर्मियों के महंगाई भत्ते काटे जाने का मामला उच्चतम न्यायालय पहुंच गया है। केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ भारतीय सेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने शनिवार को शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।
पूर्व सैन्य अधिकारी मेजर ओंकार सिंह गुलेरिया की ओर से दायर याचिका में केंद्र के फैसले को गलत बताते हुए इस पर रोक लगाने की बात कही गई है।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि सरकार के इस फैसले से यह साबित हो गया है कि देश के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं, ऐसे में उसे औद्यागिक घरानों को कोई वित्तीय सहायता न देने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने अपने एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेशेंनभोगियों को दिये जाने वाले महंगाई भत्ते को 30 जून 2021 तक मौजूदा स्तर पर ही रोक दिया है। राज्य सरकारें भी केन्द्र के इस निर्णय को अपना सकती हैं।
केन्द्र और राज्य दोनों के इस फैसले पर अमल से कुल मिलाकर 1.20 लाख करोड़ रुपए की बचत होगी और इससे उन्हें कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने में मदद मिलेगी।