डॉक्टर:- डिप्रेशन की पेशेंट से-
क्या तकलीफ़ है..?
लेडी पेशेंट:- सर, दिमाग में बहुत उल्टे पुलटे
विचार आते हैं, रुकते ही नहीं…
डॉक्टर:- कैसे विचार आते हैं ..?
लेडी पेशेंट:- जैसे अब मैं यहाँ आई हूँ तो आपके
ओपीडी में एक भी पेशेंट नहीं था.. तो मैं सोचने लगी
कि डॉक्टर साहब के पास कोई भी पेशेंट नहीं है,
इनकी कमाई कैसे होगी, घर कैसे चलेगा, इतना पैसा
डाला पढ़ाई में, अब क्या करेंगे.. हॉस्पिटल बनाने में
भी बहुत पैसा लगाया होगा, अब लोन कैसे
चुकाएंगे ? कहीं किसानों के माफ़िक लटक तो नहीं
जाएंगे एक दिन…!! ऐसे कुछ भी विचार आते रहते हैं…
अब डॉक्टर डिप्रेशन मे है।
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मरीज-डॉक्टर, मैं खाना न खाऊं तो मुझे भूख लग जाती है,
ज्यादा काम करता हूं तो थक जाता हूं,
देर तक जगा रहूं तो नींद आ जाती है,
मैं क्या करूं?
डॉक्टर-रात भर धूप में बैठे रहो, सही हो जाओगे।
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पत्नि:- आपको याद है क्या कि जब आप मुझे देखने आये थे,
मैने कौनसे रंग की साडी पहनी थी?
पति:- याद नहीं…
पत्नि:- देखा…आप मुझसे बिलकुल प्यार नही करते..
पति:- ऐसा कुछ भी नही है जानू…
जो बंदा ट्रेन की पटरी पर लेट कर खुदखुशी करने जाता है,
वह यह नहीं देखता की जो ट्रेन आ रही है, वह शताबदी है या राजधानी..!!
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पत्नी:- आखिर औरत क्या-क्या संभाले ?
तुम को संभाले, तुम्हारे बच्चे संभाले,
तुम्हारे माँ बाप को संभाले, या तुम्हारा घर संभाले !
पति:- (बड़े सुकून से जवाब देता है)
औरत सिर्फ अपनी ज़बान संभाले
बाकी सब अपने आप संभल जायेगा…
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डॉक्टर:- तबियत कैसी है..?
काजल:- पहले से ज्यादा खराब है…
डॉक्टर:- दवाई खा ली थी.?
काजल:- खाली नहीं थी भरी हुई थी…
डॉक्टर:- मेरा मतलब है दवाई ले ली थी.?
काजल:- जी आप ही से तो ली थी…
डाक्टर:- बेवक़ूफ़ !! दवाई पी ली थी.?
काजल:- नहीं जी,, दवाई नीली थी…
डॉक्टर:- अबे गधे !! दवाई को पी लिया था.?
काजल:- नहीं जी,, पीलिया तो मुझे था…
डॉक्टर:- उल्लू के पट्ठे !! दवाई को खोल के मुँह में रख लिया था.?
काजल:- नहीं आप ही ने तो कहा था कि फ्रिज में रखना…..
डॉक्टर:- अबे क्या मार खायेगा..?
काजल:- नहीं दवाई खाऊंगा…
डॉक्टर:- निकल साले, तू पागल कर देगा…
काजल:- जा रहा हूँ, फिर कब आऊँ..?
डॉक्टर:- मरने के बाद…
काजल:- मरने के कितने दिन बाद.?
डॉक्टर बेहोश.
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