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लॉकडाऊन : अजमेर संभाग के दो जिले अजमेर और नागौर रेड जाॅन में - Sabguru News
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लॉकडाऊन : अजमेर संभाग के दो जिले अजमेर और नागौर रेड जाॅन में

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लॉकडाऊन : अजमेर संभाग के दो जिले अजमेर और नागौर रेड जाॅन में
coronavirus update ajmer recorded 28 fresh covid 19 positive cases total number rises to 2746
Two districts Red Zone in Ajmer division
Two districts Red Zone in Ajmer division

अजमेर। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से देश के जोन वाइज घोषित जिलों में राजस्थान के अजमेर संभाग के चार जिलों में से दो रेड जाॅन तथा दो आरेंज जाॅन में रखे गए हैं।

अजमेर संभाग के अजमेर और नागौर को अतिसंवेदनशील मानते हुए रेड जोन में रखा गया है। जबकि टोंक और भीलवाड़ा को संवेदनशील मानते हुए इन्हें आरेंज जोन की श्रेणी में रखा गया है। संभाग में चार जिले होने से ग्रीन जोन में कोई नहीं है। अब संभावित तीसरे चरण के लॉकडाऊन में उक्त श्रेणी के अनुसार ही निर्धारित नियमों एवं गाइडलाइंस के अनुसार काम होगा।

सूत्रों के अनुसार जहां तक आंकड़ों का सवाल है, अजमेर-161, नागौर-118, टोंक-134 तथा भीलवाड़ा-37 संक्रमित मरीजों के पायदान को छू चुका है। इस नाते टोंक भी रेड जोन की श्रेणी में होना चाहिए लेकिन केन्द्रीय मंत्रालय ने किस आधार पर वर्ग विभाजन किया, अभी स्पष्ट नहीं है।

भीलवाड़ा जो कि प्रदेश का देश में बहुचर्चित ऐसा जिला है जो सबसे पहले संक्रमण का बम्बारमेंट लिए सुर्खियों में था और जहां संक्रमण को नियंत्रण कर उसके रोल माडल की सर्वत्र चर्चा रही थी, फिलहॉल सुरक्षित माना जा रहा है।

चिकित्सा मंत्री का गृह जिला सुरक्षित नहीं है : देवीशंकर भूतडा

राजस्थान में अजमेर में भारतीय जनता पार्टी अजमेर देहात के जिलाध्यक्ष ब्यावर मूल के देवीशंकर भूतड़ा ने राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा आरोप लगाया कि प्रदेश के चिकित्सा मंत्री का गृह जिला अब सुरक्षित नहीं है।

पूर्व विधायक भूतड़ा ने एक बयान में कहा कि चिकित्सा मंत्री का गृह जिला अजमेर अब हॉटस्पॉट बनने की ओर अग्रसर है और उनके स्वयं का ध्यान इस ओर नहीं है। वे अपने युवराज के भरोसे जिला प्रशासन को निर्देशित कर इतिश्री कर रहे हैं जो कि एक गैर जिम्मेदाराना कृत्य है।

उन्होंने कहा कि ब्यावर के राजकीय अमृतकौर अस्पताल के चिकित्सक व नर्सिंग कर्मी पिछले एक हफ्ते से काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शित करते हुए काम कर रहे है लेकिन न उनका, न सरकार का और न ही जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर जा रहा है।

भूतडा ने कहा कि प्रशासन का दायित्व है कि वे समस्या को नासूर नहीं बनने दें बल्कि समाधान ढूंढे। उन्होंने कहा कि ऐसा भी नहीं है कि ब्यावर के चिकित्सा कर्मियों का विरोध चिकित्सा मंत्री की निगाह में नहीं हो लेकिन मंत्री की संवेदनहीनता इससे उजागर हो रही है।

उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के चलते कोरोनटाइन सेंटरों की देखभाल का काम जिला प्रशासन के जिम्मे है लेकिन ब्यावर में यह जिम्मेवारी चिकित्सकों के माथे डाली जाने से चिकित्सक व चिकित्सा कर्मी आक्रोशित है।

रेड जोन जिलों में एक्शन प्लान के तहत किए जा रहे विशेष प्रयास

राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया है कि प्रदेश के कोरोना प्रभावित आठ रेड जोन जिलों को ग्रीन जोन में बदलने के लिए एक्शन प्लान बनाकर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

डॉ. शर्मा ने आज बताया कि एक समय वह भी था जब प्रदेश में संक्रमण 75 प्रतिशत की दर तक पहुंच गया था लेकिन योजनाबद्ध प्रयासों की वजह से अब यह 4.84 प्रतिशत तक आया है। राज्य में संक्रमण की दर में लगातार गिरावट आ रही है और स्थिति नियंत्रण में है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में शुक्रवार अपराह्न दो बजे तक 2642 पॉजीटिव मामले सामने आए हैं। इनमें से लगभग एक हजार मरीज पॉजीटिव से नेगेटिव हो चुके हैं, जबकि 644 को अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई है। प्रदेश में अब तक एक लाख नौ हजार लोगों के सैंपल भी लिए जा चुके हैं।

उन्होंने बताया कि बताया कि राजस्थान के 8 जिलों को रेड जोन में, 19 ओरेंज जोन में और 6 जिले ग्रीन जोन में शामिल किए गए हैं। इन छह जिलों में कोई भी पॉजीटिव मामला नहीं हैं। प्रदेश में जिन जिलों को रेड जोन में शामिल किया है उनमें से भी कई जिलों में पॉजीटिव से नेगेटिव होने वालों की खासी तादात है। उनमें से कइयों को अस्पताल से छुट्टी भी दी है।

डॉ. शर्मा ने बताया कि जिन आठ जिलों को केन्द्र सरकार ने रेड जोन में माना है और जहां कर्फ्यू लगा हुआ है, हालात थोड़े गंभीर हैं उनके लिए विशेष एक्शन प्लान बनाकर काम किया जा रहा है। इन क्षेत्रों के 1, 3 और 5 किलोमीटर के बफर जोन में व्यापक स्तर पर स्क्रीनिंग एवं सर्वेक्षण का काम चल रहा है।

लोगों को होम क्वारेंटाइन, सरकारी क्वारेंटाइन, आइसोलेशन में रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि पॉजीटिव्स में से केवल सात मामले ऎसे हैं, जो गंभीर हैं। इनमें से भी तीन लोग वेंटीलेटर्स पर हैं। उन्होंने बताया कि रेड जोन में भले ही केसेज बढ़ रहे हैं लेकिन हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के ओरेंज जोन में शामिल 3-4 जिले ऎसे हैं, जहां पिछले कई दिनों से कोई पॉजीटिव केस सामने नहीं आया है। ऎसे जिले भी जल्द ओरेंज जोन से ग्रीन जोन में जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान तो देश के उन राज्यों में है, जिसने कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोका है।

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