सबगुरु न्यूज-सिरोही। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद हजारों स्कूलों में वर्षों से रिक्त चल रहे हैं । राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश सहमंत्री व वरिष्ठ शिक्षक नेता राव गोपालसिंह पोसालिया ने सभी पद पदोन्नति से भरने की मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत व शिक्षामंत्री गोविन्दसिंह डोटासरा से मांग की ।
सत्र 2020-2021 की नियमित डीपीसी होने वाली हैं ।राज्य में विषयवार पदोन्नति में अनेकानेक विसंगतियों से सामाजिक ज्ञान व हिन्दी के अध्यापक 21 से 26 वर्षों की सेवाओं के बाद भी पदोन्नति नहीं पा सके हैं ।जबकि उनको वेतन व्याख्याता का या उससे भी ज्यादा मिल रहा हैं ।
अध्यापक निर्धारित शैक्षिक योग्यता भी रखते हैं ।लेकिन पदोन्नति देने में राज्य सरकार विफल हैं । राजकीय कोष से धन व्याख्याता का देकर काम अध्यापक का लेना सरकार की विफलता हैं ।अध्यापक से सीधे व्याख्याता सरकार नहीं बना सकती हैं तो कम से कम मिडिल स्कूल प्रधानाध्यापक तो बना ही सकती हैं ।सरकार विषय अनुसार पदों का आवंटन करके माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय के पद भर देती हैं लेकिन, मिडिल स्कूलों में सामाजिक ज्ञान व हिन्दी के विषय अध्यापकों को प्रधानाध्यापक नहीं बनाकर गंभीर विसंगति पैदा करती जा रही हैं ।
अध्यापक गणित , विज्ञान ,अंग्रेजी , संस्कृत का हैं तो पदोन्नति 10 से 12 वर्ष के बाद होना तय हैं लेकिन सामाजिक व हिन्दी हैं तो इतंजार 21- 25 वर्ष करना तय हैं । प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्तायुक्त शिक्षा हेतु प्रशासन सुसंचालित करना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिये हैं । सामाजिक व हिन्दी विषयाध्यापकों के साथ अन्याय का दशरथसिंह भाटी , नथाराम परमार , अरविंद परमार , विनोद सरेल , लालसिंह केर , मन्नाराम कोली , रावताराम कोली , राव नारायणसिंह , पन्नालाल , भेराराम संत ने विरोध जताया ।