अजमेर। राजस्थान के अजमेर में लॉकडाउन फंसे 4500 से ज्यादा जायरीनों में से चार हजार को अजमेर से वापस उनके गृह क्षेत्र भिजवा दिया गया। रविवार को बिहार राज्य के 1105 श्रमिकों व जायरीन को विशेष ट्रेन से रवाना किया गया। अजमेर के साथ ही पाली, नागौर, जयपुर व सिरोही जिलों में फंसे श्रमिकों को इस ट्रेन से भेजा गया है।
अजमेर के प्रभारी सचिव भवानी सिंह देथा ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि अजमेर से बिहार के पूर्णिया के लिए फंसे जायरीनों को रवाना करने के सिलसिले में दरगाह क्षेत्र पहुंचे और अपनी देखरेख में उन्होंने जायरीनों की जांच करा उन्हें बसों के माध्यम से रेलवे स्टेशन भिजवाया। बिहार से मंजूरी मिलने के साथ ही जिला प्रशासन ने रेलवे के साथ समन्वय कर इन श्रमिकों व जायरीन को भेजने के लिए तैयारियां शुरू कर दी थी। रेलवे द्वारा रविवार शाम 4 बजे ट्रेन चलाने की मंजूरी देने के साथ ही राज्य के विभिन्न जिलों में रह रहे श्रमिकों व अजमेर में फंसे जायरीन को सूचना दी गई।
देथा ने बताया कि अब जो अजमेर में जायरीन बचे हैं वे पांच सौ के लगभग होंगे। हम निरंतर दरगाह कमेटी के संपर्क में है। जो जायरीन बचें है वे कर्नाटक अथवा तेलंगाना के बताए जा रहे हैं जिनके लिए भी व्यवस्था कीजा रही है।
उल्लेखनीय है कि आज अजमेर से पूर्णिया (बिहार) के लिए जायरीनों व श्रमिकों की एक विशेष श्रमिक स्पेशल ट्रेन रवाना की गई जो 1105 यात्रियों को लेकर रवाना हुई। इनमें अजमेर से जायरीनों एवं श्रमिकों के अलावा जयपुर, नागौर, पाली, सिरोही के भी श्रमिक शामिल रहे।
एक सवाल के जवाब में देथा ने कहा कि अजमेर में फंसे हुए लोगों को संबंधित सरकारें यदि भेजने की मंजूरी देगी तो राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भावना के अनुसार उन्हें तुरंत भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
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