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लॉकडाउन 3 : ट्रेवल में मिली ये राहत, यहां नहीं पडेगी पास की जरूरत - Sabguru News
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लॉकडाउन 3 : ट्रेवल में मिली ये राहत, यहां नहीं पडेगी पास की जरूरत

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लॉकडाउन 3 : ट्रेवल में मिली ये राहत, यहां नहीं पडेगी पास की जरूरत

अजमेर। अजमेर में 17 मई तक लागू लॉकडाउन के बीच कलक्टर विश्वमोहन शर्मा ने सभी उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदार, पुलिस अधिकारियों एवं अन्य विभागों को कर्फ्यू व लॉकडाउन क्षेत्रों में पास की मानक संचालन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आमजन को राहत देने के लिए यह प्रक्रिया शुरू की है। अधिकारी संवेदनशील होकर काम करे। अजमेर रेड जोन में है। यहां के लिए सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही पास जारी होंगे।

कलक्टर शर्मा ने आज जिले के सभी अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के कारण जारी लॉकडाउन में आवागमन के लिए राज्य सरकार द्वारा नई गाईड लाईन जारी की गई है। इसके अनुसार जिले में आवागमन के लिए किसी भी तरह के पास की आवश्यकता नहीं है। राज्य में एक जिले से दूसरे जिले में अनुमत गतिविधियों के लिए व्यक्तिगत वाहनों से आवागमन में भी पास आवश्यक नहीं है।

मेडिकल, निकट रिश्तेदारों की मृत्यु अथवा दुर्घटना जैसी आपातकालीन परिस्थिति में भी अंतरजिला आवागमन के लिए पास जरूरी नहीं होगा। इस प्रकार के आवागमन में संबंधित व्यक्ति कार्यालय, कंपनी अथवा व्यक्तिगत पहचान पत्र एवं ड्राईविंग लाईसेंस अपने साथ रखेगा। यह छूट सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही दी गई है। शाम 7 से सुबह 7 बजे तक समस्त प्रकार का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। कन्टेंटमेंट जोन, कर्फ्यू एरिया आदि के लिए स्थानीय जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक एवं डीसीपी द्वारा जारी विशेष पास ही मान्य होंगे।

वाहनों में यह रहेगी बैठक व्यवस्था

उन्होंने बताया कि अजमेर रेड जोन है। यहां चार पहिया वाहनों में चालक के अलावा 2 यानि कुल तीन व्यक्तियों को परिवहन की अनुमति रहेगी। दो पहिया वाहनों पर केवल चालक परिवहन कर सकेगा। ऑटोरिक्शा एवं साईकिल रिक्शा में चालक के अतिरिक्त एक व्यक्ति सफर कर सकता है।

राज्य से बाहर के लिए यह रहेगी व्यवस्था

उन्होंने बताया कि राज्य से बाहर व्यक्तिगत वाहनों से आवागमन के लिए ऑनलाइन पास प्राप्त किए जा सकते हैं। इसके लिए ई मित्र केन्द्र पर संपूर्ण सूचनाओं के साथ आवेदन करना होगा। इसके अलावा 181 या 18001806127 नंबर पर भी फोन करके ई-पास प्राप्त किया जा सकता है। ऑनलाईन पास संबंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा स्वीकृत होंगे।

ऑफलाईन पास जिला मजिस्ट्रेट, उपखण्ड मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक, थानाधिकारी, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अथवा जिला परिवहन अधिकारी से प्राप्त किए जा सकते हैं। उद्योगों के मालिक, स्टाफ एवं श्रमिकों के लिए जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक अथवा रीको के स्थानीय प्रबंधक, खनन गतिविधियों के लिए खनि अभियंता द्वारा पास जारी होंगे। जिला स्तरीय अधिकारी विभाग से संबंधित किसी भी गतिविधि के लिए पास दे सकते है। यह पास विभिन्न शर्ताें के अधीन जारी होंगे।

कलक्टर ने बताया कि यदि कोई वाहन राज्य से किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को छोड़ने के लिए भेजा जाता है तो पास में स्पष्ट रूप से एक तरफा यात्रा का एवं वापसी यात्रा केवल वाहन एवं चालक के लिए है, का उल्लेख होना चाहिए। इससे अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगेगी। विभिन्न अधिकारियों द्वारा जारी पास की रिपोर्ट प्रतिदिन जिला मजिस्ट्रेट को भेजी जाएगी।

ये जारी करेंगे आपातकालीन आफलाइन पास

शर्मा ने बताया कि मेडिकल, परिवार में मृत्यु अथवा दुर्घटना की स्थिति में आपातकालीन ऑफलाइन पास कलक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, एसपी, डिप्टी एसपी, थानाधिकारी, आरटीओ या डीटीओ जारी कर सकते हैं। आमजन को इस व्यवस्था में किसी भी तरह की परेशानी हो तो इस संबंध में 181 पर दूरभाष से संपर्क करके कठिनाईयों का निराकरण किया जा सकता है। यहां फोन करने वाले का सम्पर्क संबंधित जिला स्तरीय वॉर रूम से स्थापित करवा कर पास वाट्सएप, एसएमएस अथवा ईमेल से तुरंत भेजा जाएगा।

प्रवासी राजस्थानियों के लिए व्यवस्था

उन्होंने बताया कि प्रवासी राजस्थानियों को राज्य में किसी अन्य राज्य से निजी अथवा अनुबंधित वाहन द्वारा आवागमन की अनुमति उद्गम (ऑरिजीनेटिंग) राज्य के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किए गए पास के आधार पर दी जाएगी। इसके लिए राजस्थान सरकार से किसी एनओसी की आवश्यकता नहीं है। अन्य राज्य के पास जारी करने वाले अधिकारी द्वारा गैर निवासी राजस्थानी से राजस्थान की एनओसी की मांग की जाती है तो संबंधित जिला मजिस्ट्रेट द्वारा स्वीकृत की जाएगी।

गैर निवासी राजस्थानी ई मित्र पोर्टल पर अथवा जिला मजिस्ट्रेट द्वारा निर्धारित अन्य किसी माध्यम से एनओसी प्राप्त कर सकते हैं। किसी अन्य राज्य में फंसे हुए व्यक्तियों को जाकर लाने के लिए किसी वाहन को भेजने के लिए जिला मजिस्ट्रेट द्वारा ऑनलाईन या ऑफलाइन पास जारी किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि राज्यों के बीच हुए आपसी समझौते के आधार पर रेल अथवा बस द्वारा राज्य के अंदर प्रवासियों के आवागमन के लिए प्रवासियों को प्राप्त करने वाले जिले के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा एकत्रित एनओसी जारी की जाएगी। आने वाले प्रवासियों का आवागमन प्रपत्र 4 में अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाना आवश्यक है। यह कार्य राजकीय कार्मिक यहां तक कि ग्राम सेवक एवं पटवारी स्तर के द्वारा भी स्वयं की एसएसओ आईडी का उपयोग कर किया जा सकेगा।

प्रवासियों के स्मार्ट फोन पर राजकोविडइन्फो एवं आरोग्य सेतु एप इंस्टाल किया जाएगा। राज्य में प्रवेश स्थान पर समस्त व्यक्तियों का पंजीयन किया जाएगा। जिले की सीमाओं पर चेक पोस्ट स्थापित कर पंजीयन नहीं कराने वालों का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाएगा। बिना पंजीयन गंतव्य स्थान पर पहुंचने वाले व्यक्तियों की मॉनिटरिंग आवश्यक रहेगी।

बाहर से आने वाला प्रत्येक व्यक्ति होगा क्वारेंटाइन, जिम्मेदारी तय

उन्होंने बताया कि बीएलओ का उत्तरदायित्व होगा कि प्रत्येक नए आगमन की सूचना उसको प्राप्त हो जिससे वह प्रवासियों का पंजीकरण सुनिश्चित कर सकें। इसके पश्चात प्रवासियों की स्क्रीनिंग करके होम क्वारेंटाईंन का आदेश जारी कर अनुपालना करवाई जा सके। इस कार्य के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में पटवारी और ग्राम सेवक तथा शहरी क्षेत्रों में वार्ड स्तरीय समिति यह सुनिश्चित करेगी कि प्रवासियों के सत्यापन एवं पंजीकरण दैनिक आधार पर किए जा रहें है। इसकी रिपोर्ट उपखण्ड मजिस्ट्रेट एवं तहसीलदार को प्रस्तुत की जाएगी।

इस कार्य का पर्यवेक्षण आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा गठित ग्राम पंचायत स्तरीय कोर गु्रप तथा शहरी क्षेत्र में बीएलओ, पटवारी, बीट कांस्टेबल एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता के कोर गु्रप द्वारा किया जाएगा। गांव एवं मौहल्ला स्तर के जिम्मेदार व्यक्तियों की एक स्थानीय समिति बनाई जाएगी। यह समिति बीएलओ, पटवारी एवं अन्य शहरी नामित कार्मिकों को सूचना देने के लिए उत्तरदायी होगी।

पहले से ही अन्य राज्यों से राजस्थान में प्रवेश कर चुके प्रवासियों का डाटा भी प्रपत्र 4 में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के साथ साझा किया जाएगा। ताकि लंबित प्रकरणों को अपडेट करने के लिए ई मित्र एप्लीकेशन में भी इसे अध्यतन किया जा सके।

उन्होंने बताया कि प्रवासी व्यक्तियों को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए होम अथवा संस्थागत क्वारेंटीन की पालना आवश्यक होगी। प्रवासियों की स्क्रीनिंग एवं घर पर 14 दिन का क्वारेंटाईन आवश्यक होगा। किसी व्यक्ति मेें आईएलआई (इन्फ्लूएंजा लाईक इलनेस) लक्षणों के दृष्टिगोचर होने पर संस्थागत क्वारेंटीन किया जाएगा।

किसी व्यक्ति द्वारा गाईडलाईन का उल्लंघन करने पर कोर ग्रुप उपखण्ड मजिस्ट्रेट एवं जिला प्रशासन को आवश्यक कार्यवाही के लिए सुचित करेगा। जिम्मेदार नागरिकों की स्थानीय समिति भी इस संबंध में सूचित करेगी। कोरोना महामारी के संबंध में जारी दिशा निर्देशों की पालना नहीं करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।

उन्होंने बताया कि एक राज्य से दूसरे राज्य में राजस्थान होकर जाने वाले पारगमन यात्रियों को गंतव्य राज्य सरकार की विशिष्ट अनुमति के साथ राजस्थान राज्य में प्रवेश करने एवं पारगमन की अनुमति दी जा सकती है।

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