नई दिल्ली। सरकार ने निजी उद्यमों में काम करने वाले कर्मचारियों के हाथ में ज्यादा पैसा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अगले तीन महीने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में दिए जाने वाले अंशदान में कमी की है।
कर्मचारियों के वेतन का 12 प्रतिशत ईपीएफ में जमा होता है। साथ ही नियोक्ता भी इतनी ही राशि ईपीएफ में जमा कराता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि अब निजी नियोक्ताओं और कर्मचारियों का अंशदान 12-12 प्रतिशत से घटाकर 10-10 प्रतिशत कर दिया गया है। कर्मचारी के ईपीएफ खाते में उसके वेतन के 24 प्रतिशत की बजाय 20 प्रतिशत के बराबर राशि ही जमा करानी होगी।
प्रधानमंत्री द्वारा मंगलवार को घोषित ‘आत्मनिर्भर भारत पैकेज’ की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे कर्मचारियों के हाथों में ज्यादा पैसा उपलब्ध होगा। यह व्यवस्था फिलहाल जून, जुलाई और अगस्त के लिए होगी। इससे 6,750 करोड़ रुपए की अतिरिक्त तरलता उपलब्ध होगी।