नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सुप्रीमकोर्ट के इतिहास में कई बदलाव हुए हैं और अब इस कड़ी में बुधवार को वकीलों के ड्रेस कोड में बदलाव भी शामिल हो गया। यह बदलाव तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल संजीव एस. कलगांवकर की ओर से देर शाम जारी आदेश के अनुसार कोरोना महामारी के दौरान वर्चुअल कोर्ट प्रणाली के तहत होने वाली सुनवाई के दौरान वकील श्वेत शर्ट/ श्वेत सलवार कमीज/ श्वेत साड़ी और सादा ‘नेक बैंड’ लगाएंगे।
आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस ‘कोविड 19’ के प्रसार पर रोक के लिए दी गई चिकित्सकीय सलाह को ध्यान में रखकर ऐहतियात के तौर पर ड्रेस कोड में बदलाव का निर्णय लिया गया है। यह आदेश चिकित्सकीय अनिवार्यता की स्थिति रहने तक या अगले आदेश तक जारी रहेगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे ने आज ही दिन में एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि वह ड्रेस कोड में बदलाव के लिए आदेश जारी करेंगे। न्यायमूर्ति बोबडे ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हो रही सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा था कि जजों, वकीलों को कुछ समय के लिए जैकेट और गाउन नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि यह वायरस संक्रमण का वाहक बन सकता है।
न्यायमूर्ति बोबडे एवं अन्य न्यायाधीश भी आज कोर्ट रूम में बिना गाउन के नजर आए थे। इसके बाद अगले मामले की सुनवाई शुरू होते ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी गाउन उतारकर स्क्रीन पर नजर आये थे।
उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों के सामने पेश होते समय वकीलों का ड्रेस कोड तय है। इसमें काला कोट और गाउन अनिवार्य है, लेकिन अब कोर्ट ने कुछ समय के लिए इसे बदल दिया है।