नई दिल्ली। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। शनिवार को उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को आत्मनिर्भर बनाने की बात कर रहे थे, तब राहुल गांधी कह रहे थे कि भारत माता रो रही है।
मुझे लगता है कि भारत माता इसलिए रो रही है कि नरेंद्र मोदी जैसा सपूत 70 साल पहले इस देश में जन्मा होता और प्रधानमंत्री बनता तो 55 साल तक ये निकम्मा राज नहीं होता। आज देश दुनिया की महाशक्ति के रूप में खड़ा होता।
शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को सशक्त बनाना चाहते हैं। लोगों को उनके पैरों पर खड़ा करना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस और राहुल गांधी की संस्कृति केवल रेबड़ियां बांटने की है। वे एकबार रेबड़ियां बांटकर गरीबों से अपेक्षा करते हैं। यह एम्पाउअर (सशक्त करना) और एन्टाइटल्मन्ट (पात्रता) के बीच की लड़ाई है। एम्पाउअरमेंट करने वाले लोग दूरगामी सोच के साथ काम कर रहे हैं। राष्ट्र निर्माण के लिए काम कर रहे हैं।
राज्य सहयोग करें तो 48 घंटे में घर होंगे मजदूर
शेखावत ने राजस्थान, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीगढ़ जैसे राज्यों पर प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए सहयोग न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकारें सहयोग करें तो 48 घंटे में सभी प्रवासी मजदूर अपने घरों पर पहुंच सकते हैं। उन्होंने इस बाबत राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिखा है, जिसमें अन्य मुख्यमंत्रियों से बात करने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि जोधपुर मेरा लोकसभा क्षेत्र है, यहां 2000 से ज्यादा लोग पश्चिम बंगाल और 4000 से ज्यादा लोग बिहार के रुके हुए हैं। यदि राज्य सहमति दें तो तुरंत रेल उपलब्ध कराकर मजदूरों को घर भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मीडिया को भी ऐसे संदेश देने की जरूरत है, जिससे मजदूर अपने स्थानों पर रुके रहें।
जल जीवन मिशन से मिलेगा रोजगार
शेखावत ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत लगभग प्रत्येक राज्य के पास केंद्र सरकार की दी राशि है, जो अब तक खर्च नहीं हुई है। दूसरी किस्त का पैसा भी हम देने को तैयार हैं। राज्यों को तुरंत जल जीवन मिशन में कार्य प्रारंभ करना चाहिए। जब प्रत्येक गांव में पीने के पानी के लिए आधारभूत ढांचा तैयार होता तो बहुत से लोगों को रोजगार मिलेगा।
जैविक हर्बल खेती से संपन्न होगा किसान
शेखावत ने कहा कि हर्बल खेती के माध्यम से हम किसान और छोटे उद्यमियों के लिए बड़ी संभावना खोल सकते हैं। गंगा और अन्य नदियों को किनारे हर्बल पौधों की जैविक खेती से नदियों का प्रदूषण भी कम हो। अब तक सरकारों ने ऋण कैसे दे सकते हैं, इस पर काम किया, लेकिन खेती को लाभकारी बनाने और किसान की आय दोगुनी करने की दिशा में आत्मनिर्भर भारत के तहत 1 लाख करोड़ का पैकेज सहायक सिद्ध होगा। इससे खाद्य प्रसंस्करण और उससे जुड़ी सुविधाएं बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि नार्थ ईस्ट में दुनिया की बेहतरीन अदरक पैदा होता है, लेकिन प्रसंस्करण या माल बाहर भेजने की सुविधा न होने से किसान को लाभ नहीं मिल पाता।
यह भी पढें
मीडियाकर्मियों व मीडिया को राहत दे सरकार : JAR
मैंगलोर से 550 प्रवासी श्रमिकों को लेकर विशेष रेलगाड़ी पहुंची जालोर
मुंबई : क्वारेंटीन सेंटर में तब्दील होगा वानखेड़े क्रिकेट स्टेडियम
मणिपुर सरकार ने 185 नर्सों को पश्चिम बंगाल से वापस बुलाया
आत्मनिर्भर भारत योजना में कितना सफल हो पाएगा ग्रामीण क्षेत्र
कोरोना वायरस : दो-तिहाई समय में चीन के बराबर हुआ भारत का आंकड़ा