जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने श्रमिकों एवं उनके परिजनों का अपने घर लौटने के लिए सैकड़ों किलोमीटर धूप में पैदल चलना बेहद तकलीफदेह बताते हुए कहा है कि राज्य सरकार इस पीड़ा से उन्हें राहत देने के लिए श्रमिक विशेष बसें चलाएगी।
गहलोत ने लॉकडाउन के चतुर्थ चरण को लेकर रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि रोडवेज इसके लिए बसें तैयार रखे। राज्यों से सहमति प्राप्त कर श्रमिकों को निशुल्क लाने एवं ले जाने के लिए ये विशेष बसें चलाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि पूरे देश के लिए श्रमिकों की यह एक मार्मिक और झकझोर देने वाली समस्या है। मानवीय दृष्टिकोण से इसका जल्द निदान होना जरूरी है। इसके लिए केन्द्र सरकार बसों पर होने वाले व्यय को एसडीआरएफ मद में अनुमत करे।
उन्होंने कहा कि जिन स्थानों के लिए ट्रेन के लायक यात्रियों की संख्या नहीं होगी, उन राज्यों में श्रमिक स्पेशल बसों के माध्यम से श्रमिकों को भेजा जाएगा। उन्होंने अपील की है कि दूसरे राज्य भी इसी तरह श्रमिक स्पेशल बसें चलाकर राजस्थान के श्रमिकों को भेजें। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चतुर्थ चरण में राज्यों को आपसी सहमति से प्रवासियों एवं श्रमिकों के आवागमन के लिए बसें चलाने के लिए अनुमत किया गया है। ऐसे में राजस्थान सरकार अन्य राज्यों से पहल कर पुरजोर प्रयास करेगी कि श्रमिक बिना तकलीफ के अपने घर पहुंच सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र की गाइडलाइन के अनुरूप राज्य में भी 31 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। राज्य की स्थितियों के अनुरूप इसके लिए विस्तृत गाइडलाइन 18 मई को जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लोग एडवाइजरी की पूर्ण पालना करें।
गहलोत ने कहा कि जालौर, पाली, सिरोही, डूंगरपुर, बांसवाड़ा सहित वे 11 जिले जिनमें बीते दिनों बड़ी संख्या में प्रवासी आए हैं। इन जिलों में लोगों को मोबाइल पर यह संदेश भेजें कि वे स्वयं की सुरक्षा तथा अन्य लोगों के जीवन की रक्षा की दृष्टि से 14 दिन क्वारेंटाइन की अनिवार्य पालना करें। साथ ही गांव में नहीं घूमें और अन्य जिलों में आवागमन नहीं करें।
गहलोत ने कहा कि कोरोना आगे क्या रूप लेगा इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। इसके लिए पूरी सतर्कता एवं सजगता के साथ काम करना होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमण की स्थिति की गहन मॉनीटरिंग के लिए अलग से टीम बनाएं जो इसके फैलाव एवं अन्य पहलुओं पर पूरा विश्लेषण कर लगातार फीडबैक देती रहे। जिसके आधार पर राज्य सरकार अपनी रणनीति तैयार कर सके। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी गांवों में पहुंचे हैं। इसलिए वहां संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष नजर रखी जाए।
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