अजमेर। राजस्थान में अजमेर जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत रामपुरा डाबला अंतर्गत फतेहपुरा गांव में एक 11 वर्षीय बालक की रिपोर्ट पोजिटिव आ जाने के बाद क्षेत्र में जहां कर्फ्यू लगा दिया गया है, वहीं मनरेगा के काम को भी तत्काल प्रभाव से रुकवा दिया गया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर श्रमिकों को रोजगार दिए जाने के क्रम में चलाए जा रहे मनरेगा काम को उपखंड अधिकारी समंदर सिंह भाटी ने फतेहपुरा व सेठन क्षेत्रों में रुकवा दिया है। काम रूकवाने के पीछे इस क्षेत्र में अहमदाबाद से लौटे 22 प्रवासियों में से बालक के केस के रूप में बीती शाम को दूसरा पोजिटिव आने के बाद उक्त कदम उठाया है।
सरकारी आदेशों पर फतेहपुरा तथा सेठन में एक दर्जन से ज्यादा चिकित्सा टीमें स्क्रीनिंग का काम कर रही है। क्षेत्र में बाहर से लौटे लोगों के कारण संक्रमण फैला है। 12 मई को पिकअप से 22 प्रवासी श्रमिक अहमदाबाद से लौटे थे जिनमें 13 अकेले फतेहपुरा क्षेत्र के थे। प्रभावित मरीजों कोे अजमेर रैफर किया गया है।
इधर, अजमेर संभाग की आज आई मेडिकल रिपोर्ट में अजमेर जिले से कोई नया पोजिटिव सामने नहीं आया है जबकि भीलवाड़ा से कोरोना अचानक जिन्न के रूप में निकलकर सामने आया है। यहां 22 नए पोजिटिव मरीज उजागर हुए है। नागौर में दो तथा टोंक में एक भी मरीज आज सुबह सामने नहीं है।
यह भी पढें
लॉकडाउन 4 : हवाई, मेट्रो और रेल यात्रा पर प्रतिबंध, कुछ फैसले राज्यों पर छोडे
गंभीर, हरभजन, युवराज ने शाहिद आफरीदी को दिया मुंहतोड़ जवाब
AAP MLA प्रकाश जारवाल को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा
कोरोना संकट : राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की अवधि में 31 मई तक इजाफा
चलो, कोरोना जैसे संकटकाल में भी थोडा मुस्कुरा लें
हर क्षेत्र में निजी कंपनियों को एंट्री, मनरेगा, स्वास्थ्य का बजट बढ़ेगा
एक्सरसाइज-योग और तनावमुक्त जीवनशैली से आप ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण पा सकते हैं
लीची रोग प्रतिरोधक, एक व्यक्ति खा सकता है नौ किलो लीची