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How much Sirohi prepared for serious cases of corona - Sabguru News
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कोरोना महामारी: गंभीर मामलों के लिए कितना तैयार है सिरोही

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कोरोना महामारी: गंभीर मामलों के लिए कितना तैयार है सिरोही
जिला कोरोना चिकित्सालय में बनाया गया आईसीयू।
जिला कोरोना चिकित्सालय में बनाया गया आईसीयू।
जिला कोरोना चिकित्सालय में बनाया गया आईसीयू।

सिरोही। सिरोही जिले के एक कोरोना पीड़ित की जोधपुर में उपचार का दौरान मौत हो गई है और 7 से 23 मई तक पॉजिटिव केसेज की संख्या 1 से 100 पहुंच गई है, 3 डिस्चार्ज हो गए, अब कुल एक्टिव केस 95 रह गए हैं।

मृतक पीडित 19 मई को सिरोही आया था श्वास लेने में समस्या के कारण उसे जांच के लिए जोधपुर भेजा गया था, जहाँ उसे भर्ती कर लिया गया और आज वहां उसकी मौत हो गई। पीड़ित की आयु ज्यादा थी ऐसे में कोरोना से हुई मौतों पर के दुनिया में हुए अध्ययन के अनुसार इस उम्र के व्यक्ति को खतरा ज्यादा रहता है। वैसे यहां 4 केस रिकवर भी हो चुके हैं। मौत और रिकवरी का बीच ये जानना जरूरी हो जाता है कि सिरोही कोरोना से लड़ने के लिए कितना तैयार है।

कोरोना वायरस का संक्रमण उस समय खतरनाक हो जाता है जब ये सीवियर एक्यूट रेसिप्रेट्री सिंड्रोम वाकई श्वसन समस्या पैदा करता है। यहां से रिकवर हुए केसों से ये तो आशा जगी है कि यदि रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी हो और संक्रमित युवा हो तो यहाँ मेडिसनल उपचार बेहतर हो जा रहा है। लेकिन श्वसन सम्बन्धी समस्या आने पर जोधपुर रेफर किये जाने से आईसीयू की तैयारी की समीक्षा भी जरूरी हो जाती है।

-तीन वेन्टीलेटर का आईसीयू

कोरोना पॉजिटिव केसेज की गंभीर स्थिति के लिए कोरोना पॉजिटिव वार्ड के अलावा जिला कोरोना चिकित्सालय में एक आईसीयू वार्ड भी है। इसमे 11 बैड हैं। पीएमओ बीएल ग्रोवर ने बताया कि अभी तक वेंटिलेटर की जरूरत तो हजन पड़ी है, लेकिन आईसीयू में 3 वेंटिलेटर हैं। सीएमएचओ डॉ राजेश कुमार ने बताया कि दो वेंटिलेटर मंगवाने की राशि आ चुकी है, जिसके आर्डर दे दिए हैं।

वैसे वेंटिलेटर वाली स्थिति के किसी भी केस के लिए मरीज को जोधपुर।इन व्यवस्थाओं के बाद भी एक मरीज को जोधपुर भेजा गया क्योंकि अभी तक मेडिकल कॉलेज में ही उपचार के लिए भेजने के आदेश हैं। यूँ देखा जाए तो बिना वेंटिलेटर के ये 11 बैड का icu फिलहाल 3 बैड का ही माना जाए तो बेहतर होगा। चार वेंटिलेटर आबुरोड के ग्लोबल चिकित्सालय आइसोलेशन वार्ड में भी हैं।

-दानदाताओं का सहयोग भी

जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय का अपना तो एक ही वेंटिलेटर है। इनकी संख्या आधे दर्जन से भी ज्यादा थी, लेकिन पूर्व में कमजोर राजनीतिक नेतृत्व के कारण इन्हें अन्य जिले के मजबूत नेता ले गए। एक वेंटीलेटर केपी संघवी ट्रस्ट पावापुरी ने डोनेट किया है वहीं एक वेंटिलेटर मीणा समाज ने।

इसके अलावा 7 सिपेप मशीनें हैं, जिन्हें कोरोना के दौरान श्वसन समस्या आने और इस्तेमाल किये जाने का विकल्प रखा है। इनके संचालन के लिए 2 एनेस्थीसियन और 4 सपोर्टिंग स्टाफ भी हैं। वैसे वेंटिलेटर की एडवांस एप्लिकेशन के इस्तेमाल के।लिए यहां कितना स्किल्ड स्टाफ है ये भी विचारणीय विषय है, सरकार नियमित रूप से सभी सीएमएचओ को अपने यहां से वेंटीलेशन ट्रेनिंग के लिए स्टाफ भेजने को कहा है।

-अतिरिक्त फिजिशियन की जरूरत

सिरोही जिला चिकित्सालय के pmo ने बताया कि फिलहाल दो फिजिशियन कोरोना पॉजिटिव मरीजों के उपचार के लिए उपलब्ध हैं। इन्हें बारी बारी के डयूटी पर लगाया जा रहा है। ड्यूटी पूरी होने पर नियमानुसार इन्हें कोरेण्टाइन भी किया जाता है। अब पॉजिटिव कैसेज संख्या भी बढ़ रही है ऐसे में ओपीडी, इमेरजेंसी और कोरोना ड्यूटी को साथ जारी रखने के लिए 2 अतिरिक्त फिजिशियन भी मांगे गए हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने कोरोना से कम प्रभावित 5 जिलों से सिरोही की कोरोना टेस्टिंग लैब के लिए लैब असिस्टेंट लगाने के लिये आदेश जारी कर दिए हैं।