लॉकडाउन में पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे केंद्रीय मंत्री, बोले- देश समर्थ हाथों में
जोधपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री और स्थानीय सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने चीन के साथ जारी गतिरोध पर दो टूक कहा कि देश समर्थ हाथों में है और हम हर कृत्य का उत्तर देने में सक्षम हैं। देश की सेनाएं किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार हैं।
लॉकडाउन शुरू होने के बाद पहली बार बुधवार को जोधपुर पहुंचे शेखावत मीडिया से रूबरू हुए। भारत-चीन सीमा पर जारी गतिरोध संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि चीन का रवैया निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत और नेपाल के बीच सदियों से सौहार्दपूर्ण संबंध हैं, लेकिन नेपाल सीमा तक कालापानी-लिपुलेख तक जो सड़क भारत ने बनाई है, उसे लेकर जिस प्रकार से चीन ने कूटनीति की, वो चिंता का विषय है।
लॉकडाउन से संबंधित सवाल पर शेखावत ने कहा कि जिस गंभीरता के साथ लॉकडाउन को लागू करने की जरूरत थी, कुछ राज्यों ने कुछ जिलों में वो गंभीरता प्रदर्शित नहीं की। जयपुर और जोधपुर इसके जीते जागते उदाहरण हैं। निश्चित रूप से कमियां कहीं न कहीं रही हैं। उन कमियों को उजागर करना, जनता की व्यथा को राज्य सरकार के कानों तक पहुंचाने की जितनी जिम्मेदारी विपक्ष में रहते हुए हमारी भी है। यह हमें प्रदेश की जनता ने दी है और हमने अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह किया है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को छोड़ दें तो पूरी दुनिया एक सुर में स्वीकार करती है कि भारत ने समय रहते सही निर्णय किया। भारत के लोगों ने जिम्मेदारी से व्यवहार किया। उसी का परिणाम है कि दुनिया के 15 सबसे प्रभावित देशों के तीसरे हिस्से का भी प्रभाव हमारे ऊपर नहीं पड़ा है। सभी को वास्तविकता को देखने की जरूरत है।
जोधपुर प्रशासन को दी बधाई
शेखावत ने कहा कि प्रारंभिक स्तर पर जोधपुर में जो कमियां रही थीं, उसके कारण से हमारे यहां संक्रमितों की संख्या बढ़ी, लेकिन जिला प्रशासन, चिकित्साकर्मियों, कोरोना वारियर्स ने जिस तरह से काम किया, उसी का परिणाम है कि यहां भी हम संक्रमितों की संख्या को कम करने में कामयाब हुए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को इसके लिए बधाई भी दी। हमने बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने जिले में गरीबों तक राशन पहुंचाने के लिए सभी कार्यकर्ताओं, संगठनों और इससे जुड़े प्रत्येक व्यक्ति का भी धन्यवाद दिया।
अशोक गहलोत पर कटाक्ष
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक बयान पर शेखावत ने कहा कि जनता ने उनके घोड़ों की हैसियत और उनके घोड़ों के दौड़ने की ताकत उन्हें दिखा दी है। ये अलग बात है कि वो आज भी अपने घोड़ों की हैसियत और ताकत समझ नहीं पाए हैं। अस्तबल में खड़े घोड़ों के भरोसे पर ऐसी भीषण लड़ाई में अपने घोड़ों को झोकना चाहते हैं, मुझे लगता है कि आत्मचिंतन करने की आवश्कता है।
टिड्डियों पर राज्य को हर सहयोग
टिड्डियों से जुड़े सवाल पर शेखावत ने कहा कि पाकिस्तान से चलकर टिड्डी महाराष्ट्र तक पहुंच गई हैं। टिड्डियों से वर्तमान में जो चुनौती है और आने वाले सीजन में जिस बड़ी चुनौती की कल्पना की जा रही है, उसके लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि टिड्डी प्रबंधन की जिम्मेदारी भारत सरकार की है, लेकिन कृषि क्षेत्र में इसका प्रबंधन करना राज्य के जिम्मे है। राज्य को हर सहयोग दिया जा रहा है।
जल जीवन मिशन पर तेजी से कार्य करें राज्य
जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल पहुंचाने की योजना से जुड़े सवाल पर शेखावत ने कहा कि पिछले साल जो लक्ष्य हमने रखा था, उससे कहीं अधिक प्राप्त किया है। लॉकडाउन में भी हम राज्य सरकारों के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। कुछ राज्य सरकारों ने बेहतरीन काम किया है, लेकिन कुछ राज्य पिछड़े हुए हैं। उन्हें तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है।