नई दिल्ली। सरकार के उच्च पदस्थ सूत्र ने शुक्रवार को कहा कि लॉकडाउन के दौरान उत्पाद शुल्क में बढोतरी किए जाने के बावजूद पेट्रोल, डीजल और केरोसिन के उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ नहीं डाला गया है और इस दौरान कीमतों में बढोतरी नहीं हुई है।
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में हुई गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर सूत्र ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढोतरी नहीं हुई है। हालांकि सूत्र ने माना कि कुछ राज्यों ने वैट आदि में बढोतरी की है जिससे संबंधित राज्यों में बढोतरी हुई होगी लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में बढोतरी किए जाने से इसकी कीमतों में कोई बढोतरी नहीं हुई है।
उल्लेखनीय है कि काेरोना वायरस के वैश्विक स्तर पर विशेषकर विकसित और विकासशील देशों में तेजी से फैलने के कारण किए गए लॉकडाउन से तेल की मांग में भारी कमी आई जिससे इसकी कीमतों में वैश्विक स्तर पर भारी गिरावट देखी गई थी। अमरीका में तेल की कीमतें ऋणात्मक हो गई थी। इसी दौरान घरेलू स्तर पर भी तेल की कीमतों में भारी कमी किए जाने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन सरकार ने उत्पाद शुल्क में बढोतरी कर कीमतों को यथावत बनाए रखा। कुछ राज्यों ने काेरोना से निपटने के लिए धनराशि जुटाने के उद्देश्य से वैट में बढोतरी की है जिससे वहां इसकी कीमतों में बढोतरी हुई है।
शुक्रवार को वैश्विक स्तर पर भी कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव देखा गया। अमरीकी क्रुड की कीमत पिछले दिवस की तुलना में 3 फीसदी गिरकर 32.70 डॉलर प्रति बैरल पर और ब्रेट क्रुड 2.04 प्रतिशत फिसलकर 34.57 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।