केंद्रीय जलशक्ति मंत्री का कांग्रेस पर जोरदार हमला, लगाया वोटबैंक की राजनीति का आरोप
जोधपुर। स्थानीय सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी पर जोरदार हमला बोला और कहा कि हम देश बनाने वाले लोग हैं, देश बांटने वाले नहीं हैं। कांग्रेस को गुमराह और भ्रमित करने वाली पार्टी करार देते हुए कहा कि खुद अपने आप में कन्फ्यूज बने रहना कुछ लोगों की नियति और नीयत का हिस्सा होता है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के जनता को सीधा पैसा देने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि एक होता है एन्टाइटल्मन्ट (पात्रता) के आधार पर सहयोग देना, जो कांग्रेस सरकारों ने आज तक किया है। उन्होंने केवल तुष्टीकरण और वोटबैंक की राजनीति के माध्यम से चहेतों को कुछ न कुछ देने का काम किया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन लोगों के इम्पाउअर्मन्ट (अधिकार देना) का है।
हम लोगों को इम्पाउअर करने के लिए पैसा दे रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक भूखे व्यक्ति को आप मछली दो तो शायद उसका एक समय का पेट भर सकता है। निश्चित रूप से ये तत्काल सहायता है, लेकिन यदि आप उसे मछली पकड़ना सीखा दें। कांटा और हुक दे दें तो वो जीवनभर मछली पकड़ कर अपना और परिवार का पेट पाल सकता है। ये केवल समझ का फर्क है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आत्मनिर्भर पैकज को गुमराह करने वाला बताने पर शेखावत ने कहा कि देश संघर्ष के दौर से गुजर रहा है, लेकिन ये लोग अपनी राजनीतिक सरजमी तलाशने, राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति और अपने आकाओं को खुश करने के दृष्टिकोण से बयान दे रहे हैं। जनता देख रही है कि कौन, कब और क्या कह रहा है?
पहले भी जनता ने ऐसे सभी लोगों को जवाब दिया है और समय आने पर जनता फिर अनुकूल जवाब देगी। उन्होंने कहा कि जहां तक डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की बात है तो मुख्यमंत्री गहलोत की जानकारी के लिए बताना चाहता हूं कि जब कोरोना की आपदा आई, तब गरीब कल्याण पैकेज के माध्यम से 1.7 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। इसके माध्यम से 62 हजार करोड़ रुपए देश के 42 करोड़ लोगों के खातों में भेजा गया था।
बढ़ते कोरोना केसों पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शिता पूर्ण निर्णय का परिणाम है कि देश में कोरोना को महामारी बनने नहीं दिया गया। जहां तक राजस्थान की बात है तो यहां निश्चित रूप से केस बढ़े हैं। जब भीलवाड़ा में केस आए थे, तब स्थानीय प्रशासन और जनता ने काम किया था, लेकिन भीलवाड़ा मॉडल की सफलता का श्रेय लेने की होड़ में सरकार जिस तरह से अपनी पीठ थपथपाने में व्यस्त हो गई, उसका परिणाम यह हुआ कि जयपुर और जोधपुर में हाहाकार मच गया।
राजनीतिक मजबूरियों के चलते सरकार की नाक के नीचे जयपुर में और मुख्यममंत्री के अपने क्षेत्र जोधपुर में सरकार विफल हो गई। जनता का दबाव बढ़ा तो इनको कर्फ्यू लागू करना पड़ा और हालात को संभालने में सरकार को नाको चने चबाने पड़े। अब जाकर कुछ हालात सामान्य हुए हैं। उन्होंने सलाह दी कि अब सरकार राजनीति को छोड़कर केवल और केवल जनता की सुरक्षा और संरक्षा के लिए काम करे तो हम देश के साथ राजस्थान को इस आपदा से बचाने में कामयाब होंगे।
नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर शेखावत ने कहा कि अयोध्या में राममंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होना, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370, 35ए हटाना सरकार की बड़ी उपलब्धि हैं। एक वर्ष पूरा होने पर उत्सव मानने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि भाजपा इतनी संवेदनहीन नहीं है कि ऐसे समय में उत्सव मानने की सोचे। हमारा संकल्प समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत बनाने का है।
मिर्चीबड़े में न खोजें राजनीति
राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के जोधपुर का मिर्चीबडे खाने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि जोधपुर का मिर्चीबड़ा स्वादिष्ट है। प्रधानमंत्री ने कहा भी है कि लोकल ब्रांड ग्लोब बनने चाहिए। जोधपुर का मिर्चीबड़ा पूरे विश्वभर में पहचाना जाए, ये राजस्थान के पर्यटन मंत्री होने के नाते विश्वेन्द्र सिंह का दायित्व भी है। निश्चित रूप से उनके इस कदम का स्वागत करता हूं। वैसे अगर राजनीति से ऊपर उठकर बात करें तो हमारे पारिवारिक संबंध हैं, मैं उनके घर मिर्चीबड़ा खाने जाऊं या वे मेरे घर भोजन करने के लिए आएं, मुझे लगता है कि इसमें कहीं राजनीति खोजने की गुंजाइश नहीं है।