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Rajya Sabha election competition started between BJP and Congress Party - Sabguru News
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राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा-कांग्रेस में ‘शह-मात’ का खेल शुरू

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राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा-कांग्रेस में ‘शह-मात’ का खेल शुरू
Rajya Sabha election competition started between BJP and Congress Party
Rajya Sabha election competition started between BJP and Congress Party
Rajya Sabha election competition started between BJP and Congress Party

सबगुरु न्यूज। कोरोना महामारी के कारण देश में लंबे समय से चुनाव की राजनीति ठप हो गई थी, हालांकि राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप जारी रहे हैं। अब धीरे-धीरे एक बार फिर से चुनावी बयार चलनी शुरू हो गई है । सबसे पहले राज्यसभा चुनाव होने जा रहे हैं। 10 राज्यों में 24 सीटों के लिए 19 जून को होने जा रहे चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने अभी से अपने दांवपेच लगाना शुरू कर दिए हैं। इनमें 18 सीटें वो हैं, जिन पर लॉकडाउन के चलते मार्च महीने में चुनाव नहीं हो सका था। आपको बता दें कि अप्रैल में 17 राज्यों से राज्यसभा की 55 सीटें खाली हुई थीं। इसके लिए चुनाव आयोग ने फरवरी में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था।

मार्च में 10 राज्यों से 37 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए। बची हुई 18 राज्यसभा सीटों के लिए अब चुनाव होंगे। इनमें आंध्रप्रदेश और गुजरात की 4-4, मध्यप्रदेश और राजस्थान की 3-3, झारखंड की 2, मणिपुर, मेघालय की एक-एक सीट शामिल है। वहीं, जून-जुलाई में कर्नाटक से 4, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में 1-1 सीट पर चुनाव होंगे। जैसे ही चुनाव आयोग ने 1 जून को चुनाव कराने का एलान किया तभी से भाजपा और कांग्रेस ने कमर कस ली है।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस से सत्ता छीनने के बाद भाजपा राज्यसभा चुनाव में उत्साहित है

भारतीय जनता पार्टी इन राज्य सभा चुनाव को लेकर इसलिए और भी उत्साहित है कि अभी उसने कुछ समय पहले ही कांग्रेस से मध्य प्रदेश राज्य की सत्ता छीन कर अपने कब्जे में कर ली थी। यही नहीं भाजपा, कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं पर सबसे ज्यादा निगाह लगाए रहती है, जैसा उसने कई बार किया है। मध्यप्रदेश में भी भाजपा ने काफी समय से असंतुष्ट चल रहे हैं कांग्रेस के वरिष्ठ और लोकप्रिय नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने पाले में कर कांग्रेस का पूरा खेल बिगाड़ दिया था।

यही नहीं भाजपा की नजर राजस्थान में भी है। यहां भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चली आ रही तनातनी पर भी निगाहें लगाई हुई है। गुजरात में कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफा देने के बाद आप पार्टी को कर्नाटक से आस बढ़ गई है। कर्नाटक के राजनीतिक हलकों में अटकलें लगायी जा रही हैं कि राज्य की 4 राज्यसभा सीटों के होने वाले चुनाव में पूर्व में गठबंधन सहयोगी रहे कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर एक साथ आ सकते हैं।

मध्यप्रदेश-गुजरात और राजस्थान में भाजपा ने चला नया दांवपेच

भारतीय जनता पार्टी ने इस बार राज्यसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान में एक-एक अतिरिक्त उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। यह भारतीय जनता पार्टी का नया दांव माना जा रहा है। इस बार गुजरात में राज्यसभा की 4 सीटें खाली हुई हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही 2-2 सीटें जीत सकती हैं। लेकिन बीजेपी ने नरहरि अमीन को तीसरे उम्मीदवार के तौर पर उतार दिया है। फिलहाल गुजरात विधानसभा में बीजेपी के 103 विधायक हैं। कांग्रेस के 68, भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2 और एनसीपी का एक विधायक है। कांग्रेस बीटीपी के 2 विधायकों और एक निर्दलीय के साथ अपनी संख्या को 71 के रूप में देख रही है। इस तरह वह 2 सीटें आसानी से जीत जाएगी।

दूसरी तरफ बीजेपी को 3 सीटें जीतने के लिए 106 विधायकों के साथ की जरूरत पड़ेगी। इसका मतलब है कि बीजेपी को अपने तीनों उम्मीदवारों को जिताने के लिए 3 और वोटों की जरूरत होगी। ऐसे ही मध्यप्रदेश में तीन सीटों पर चुनाव होना है, लेकिन उम्मीदवार चार हैं। भारतीय जनता पार्टी ने ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी को उतारा है तो कांग्रेस से दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया प्रत्याशी हैं। कांग्रेस ने पहली प्राथमिकता मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और दूसरे पर फूल सिंह बरैया को रखा है जबकि भारतीय जनता पार्टी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और दूसरी पर सुमेर सिंह सोलंकी को रखा है। कांग्रेस विधायकों की बगावत के बाद गणित बिगड़ गया है, ऐसे में कांग्रेस के लिए दूसरी सीट बचाना चुनौतीपूर्ण हो गया है।

गुजरात में कांग्रेस की टूट का सीधा फायदा भाजपा को होगा

कांग्रेस टूट रही है तो इसका सीधा फायदा भाजपा को होता दिख रहा है। भाजपा ने अभय भारद्वाज, रमीला बारा और नरहरी अमीन को राज्यसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है। यही हाल राजस्थान में एक सीट पर पक्की दावेदारी के बावजूद भाजपा ने दो उम्मीदवार राजेंद्र गहलोत और ओएस लखावत को मैदान में उतार दिया है। कांग्रेस की ओर से केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी चुनाव लड़ रहे हैं । कांग्रेस के पास 107 और भाजपा के पास 72 विधायक हैं । 21 निर्दलीयों और अन्य की मौजूदगी के कारण कांग्रेस मुश्किल में है ।

भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात में कांग्रेस विधायकों में भगदड़ मचा दी है। एक के बाद एक कई कांग्रेसी विधायक इस्तीफा देते जा रहे हैं । पिछले कुछ वर्षों से देखा गया है कि देश में चाहे लोकसभा चुनाव हो या राज्यसभा या विधानसभा के में भाजपा और कांग्रेस में जबरदस्त खींचतान चली आ रही है। लेकिन अधिकांश मामलों में भाजपा के दांव कांग्रेस पर भारी पड़ते हैं । ऐसे ही अब गुजरात में राज्यसभा चुनाव से पहले भाजपा ने कांग्रेस को जबरदस्त झटका दिया है। एक हफ्ते से कांग्रेस के तीन विधायक पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं अब तक कुल 8 विधायक पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। राज्यसभा चुनाव होने से पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात में कांग्रेस विधायकों में भगदड़ मचा दी है।

मोदी और अमित शाह गुजरात को लेकर कांग्रेस को कोई मौका नहीं देना चाहते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य गुजरात है।‌ ऐसे में जाहिर है कि यह दोनों भाजपा के दिग्गज नेता नहीं चाहते कि गुजरात में कोई भी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी पर कांग्रेस पर भारी पड़ जाए।‌ ऐसे ही पिछले गुजरात में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार में कांग्रेस के राहुल गांधी ने आक्रमक रैली की थी उस समय जो सर्वे आ रहे थे वह बता रहे थे कि शायद कांग्रेस भाजपा से आगे निकल सकती है लेकिन ऐनमौके पर पीएम मोदी और अमित शाह के सियासी चक्रव्यूह ने आखिरकार कांग्रेस को पीछे कर दिया था उसके बाद भाजपा राज्य में सत्ता पर फिर दोबारा काबिज हो गई थी। लेकिन कांग्रेस ने जिस प्रकार से गुजरात में 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा था यह पीएम मोदी और अमित शाह के लिए चुनौती भी बन गया था चुनौती इसलिए की राहुल गांधी अकेले ही नए मोदी और अमित शाह के ग्रह राज्य में घुसकर ललकार रहे थे।‌

उसके बाद वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव में गुजरात में भी मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने जबरदस्त रणनीति अपनाई और एक बार फिर कांग्रेस सभी दांवपेच फेल कर दिए थे।‌ प्रधानमंत्री, ग्रह मंत्री गुजरात को लेकर इसलिए और संवेदनशील रहते हैं अगर भाजपा की गुजरात में हार हुई तो इसका संदेश पूरे देश में जाएगा और विपक्षी नेताओं को हमले करने का सीधे तौर पर मौका भी मिल जाएगा। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव में गांधीनगर सीट से अमित शाह भारी बहुमत से चुनाव जीत कर आए थे। अब अमित शाह की भी राज्यसभा चुनाव में प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार