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मंत्री समूह ने कोविड-19 से निपटने के कंटेनमेंट उपायों की समीक्षा की - Sabguru News
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मंत्री समूह ने कोविड-19 से निपटने के कंटेनमेंट उपायों की समीक्षा की

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मंत्री समूह ने कोविड-19 से निपटने के कंटेनमेंट उपायों की समीक्षा की

नई दिल्ली। देश में कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिए अपनाई जा रही रणनीति के बारे में आज यहां मंत्री समूह की 16वीं बैठक में सभी आवश्यक उपायों की समीक्षा की गई।

इस बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने की और इसमें विदेश मंत्री डा़ एस जयशंकर, नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद रॉय, जहाजरानी राज्य मंत्री मनसुख लाल मांडवीय, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे, चीफ आफॅ डिफेंस स्टॉफ बिपिन रावत और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया।

इस बैठक में मंत्री समूह को देश में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों और विश्व के अन्य देशों तथा भारत की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। इसमें देश में लॉकडाउन के दौरान उठाए गए कदमों, लॉकडाउन के फायदों और इसमें ढील देने के बाद की स्थिति तथा कोरोना मरीजों के प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

मंत्री समूह को कोरोना से निपटने के लिए बनाए गए 11 सशक्तीकरण समूहों के बारे में भी बताया गया तथा लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियों को शुरू किए जाने को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से जारी की मानक संचालन प्रकिया संबंधी दिशानिर्देशों की भी जानकारी दी गई।

डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि इस समय देश ‘अनलॉक 1 के चरण में प्रवेश कर चुका है और लॉकडाउन संबंधी सभी प्रतिबंधों को हटा लिया गया है और ऐसे में हम सभी को बेहद अनुशासित होने की आवश्यकता है। इसके लिए सामाजिक दूरी, खांसते और छींकते समय सावधानी बरतने, बाहर जाते समय मॉस्क अथवा मुंह को ढकने और व्यक्तिगत स्वच्छता के दिशानिर्देशों को अपनाना होगा।

डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि विश्व के अन्य देशों की तुलना में हम भले ही कोरोना को लेकर बेहतर हालत में है लेकिन हमें आत्मसंतोषी नहीं होना चाहिए और इस समय सभी सरकारी कार्यालयों को खोल दिया गया है तो सभी विभाग प्रमुखों को सामाजिक दूरी बनाए रखने के सभी निर्देशों का पालन कराना सुनिश्चित करना होगा।

इसके अलावा कार्यस्थलों पर हाथों की सफाई, आपस में सामाजिक दूरी बनाए रखना , मुहं को मॉस्क अथवा कपड़ें से ढकना भी जरूरी है। प्रत्येक कर्मचारी को आरोग्य सेतु को डाउनलोड करना जरूरी है जिससे व्यक्ति को कोरोना के जोखिम के खुद के स्तर का पता लगने में मदद मिलेगी। देश में इस समय 12.55 करोड़ लोगों ने आरोग्य सेतु को डाउनलोड कर लिया है।

मंत्री समूह को देश में लगातार बढ़ते स्वास्थ्य ढांचे के बारे में भी जानकारी दी गई और यह भी बताया गया कि नौ जून तक कोविड समर्पित अस्पतालों की संख्या बढ़कर 958 हो गई है जिनमें 1,67,883 आइसोलेशन बिस्तर,21,614 आईसीयू बिस्तर और 73,469 ऑक्सीजन सपोर्ट बिस्तर थे।

इसके अलावा 2,313 कोविड समर्पित स्वास्थ्य केन्द्रों में 1,33,037 आइसोलशन बिस्तर, 10,748 आईसीयू बिस्तर और 46,635 ऑक्सीजन सपोर्ट युक्त बिस्तरों की सुविधा है और इनका इस्तेमाल किया जा रहा है। देश में कोविड से निपटने में 7,525 कोविड केयर सेंटर हैं जिनमें 7,10,642 बिस्तर हैं और 21,494 वेंटीलेटर युक्त बिस्तर भी हैं।

इसमें बताया गया कि केन्द्र सरकार ने अब तक विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 128.48 एन 95 मॉस्क और 104.74 पीपीई किटों को वितरित कर दिया है। इसके अलावा 60,848 वेंटीलेटर का आर्डर भी दिया है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने कोरोना की जांच के लिए प्रयोगशालाओं की संख्या में बढ़ोतरी की है और इस समय 553 सरकारी तथा 231 निजी प्रयोगशालाएं कोरोना की जांच कर रही है। देश में अभी तक 49 लाख से अधिक कोरोना नमूनों की जांच की जा चुकी है और पिछले 24 घंटों में 1,41,682 कोरोना नमूनों की जांच की गई है।

सशक्तीकरण समूह पांच के अध्यक्ष परमेश्वरन नायर ने मंत्री समूह को बताया कि लॉकडाउन हटाए जाने के बाद जो दिक्कतें आ सकती हैं उन्हें देखते हुए हमने अपनी पूरी तैयारी कर रखी है और इस बीमारी से लडने के लिए आवश्यक और अहम उपकरणों की आपूर्ति तुरंत की जा सकती है।

आईसीएमआर के वैज्ञानिक रमन गंगाखेड़कर ने देश में प्रयोगशालाओं की स्थिति, परीक्षणों को बढ़ाने के लिए किए गए उपाय, एचसीएचक्यू, रेमडिसिविर दवा और सीरो सर्वेक्षण के बारे में जानकारी दी। देश में अभी तक कोरोना के 1,29,214 मरीज ठीक हो चुके हैं और पिछले 24 घंटों में 4,785 मरीज ठीक हुए हैं जिन्हें मिलाकर कोरोना मरीजों की रिकवरी दर 48.47 प्रतिशत हो गई है। देश में इस समय कोरोना के 1,29,917 सक्रिय मरीज हैं।

इस बैठक में स्वास्थ्य सचिव प्रति सूदन, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में ओएसडी राजेश भूषण, अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव आरती आहूजा और डां गंगाखेड़कर ने भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया।