गोण्डा। उत्तर प्रदेश सरकार को विपक्षी दलों के निशाने पर लाने वाली कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल की विज्ञान शिक्षिका अनामिका शुक्ला वास्तव में बेरोजगार निकली।
गोंडा में बेसिक शिक्षा अधिकारी के दफ्तर में मंगलवार को पहुंची अनामिका ने बीएसए डा इंद्रजीत प्रजापति को अपने दस्तावेज पेश किए जिसके आधार पर नौ कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूलों में अन्य महिलाएं विज्ञान शिक्षिका के पद पर कार्यरत थीं।
डॉ. प्रजापति ने बताया कि असली अनामिका ने उनसे संपर्क कर अपने दस्तावेज पेश किए। उन्होंने निदेशालय से मिले अभिलेखों से मिलान किया और पूरी जानकारी हासिल की। प्रजापति ने बताया कि अब भी बेरोजगार अनामिका ने अपना पक्ष रखा और पूरी पत्रावली एवं प्रत्यावेदन दिया है जिसकी पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।
बीएसए दफ्तर में मौजूद अनामिका ने बताया कि पांच जिलों में वर्ष 2017 में उन्होंने आवेदन किया था, लेकिन वह काउंसिलिंग नहीं करा पाई थीं। उन्होंने पूरी डिटेल सभी अभिलेख संग बीएसए के समक्ष प्रस्तुत किए। बीएसए ने हाईस्कूल, इंटर, बीएससी, बीएड व टीईटी के अभिलेख देखे और पूछताछ की। बीएसए ने माना कि असली अनामिका शुक्ला के अभिलेखों के आधार पर दूसरे लोगों ने नौकरी ली है।
उन्होंने बताया कि उसकी मेरिट हाई थी और उन्होंने पांच जिलों सुल्तानपुर, जौनपुर, बस्ती, मिर्जापुर, लखनऊ में वर्ष 2017 में कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल में विज्ञान शिक्षिका के लिए आवेदन किया था। काउंसिलिंग का समय आया तो वह उसमें शामिल नहीं हो सकीं। उस समय उन्होंने ऑपरेशन से बेटी ने जन्म दिया था और वर्ष 2019 में बेटे का जन्म हुआ।
अनामिका ने कहा कि दो छोटे बच्चे होने के कारण नौकरी करने में असमर्थ थी। इसलिए अवसर मिलने पर भी उसका लाभ नहीं उठा पाई। आज भी मैं बेरोजगार हूं और कहीं नौकरी नहीं कर रही हूं। इस मामले के बाद मैं परेशान हूं कि आखिर मेरे शैक्षिक अभिलेखों पर दूसरे लोगों को नौकरी कैसे मिल गई।
शुक्ला ने शैक्षिक अभिलेखों के साथ ही निवास प्रमाण पत्र भी दिया। अनामिका ने वर्ष 2017 में आवेदन के लिए निवास प्रमाण पत्र ऑनलाइन बनवाया था जिसमें उन्होंने अपने पिता के नाम की जगह पर पति दुर्गेश का नाम दर्शाया है, जबकि अन्य जिलों में आवेदन के समय लगाए गए निवास प्रमाण पत्रों में पिता का ही नाम दर्ज है।
उन्होंने बताया कि बीएसए ने निदेशालय से आए अभिलेखों में निवास प्रमाण पत्र मिलाया तो यह हेराफेरी सामने आई। अनामिका ने कहा कि शादी के बाद उसने आवेदन किया था तो निवास प्रमाण पत्र में पति का ही नाम लिखवाया था।
पूरे मामले के खुलासे के लिए मुख्यमंत्री व डीआईजी को प्रार्थना पत्र दिया है। अनामिका ने बताया कि सीएम व डीआईजी को रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजा गया है कि जिससे उनके नाम व फर्जी अभिलेख पर नौकरी करने वालों व जालसाजों को सजा मिल सके।
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