सबगुरु न्यूज। चाहे परिस्थितियां कितनी भी खराब क्यों न हो लेकिन अमित शाह राजनीतिक गतिविधियों में दिन-रात लगे रहते हैं। उनके व्यक्तित्व में ‘सोती राजनीति’ का कोई स्थान नहीं है, बल्कि राजनीति को ‘जगाते’ रहना चाहिए। देश के सभी राज्यों में क्या चल रहा है हर खबर की अमित शाह जानकारी रखते हैं। उन्होंने अपने आपको राजनीति के लिए ही ढाल लिया है। खराब दौर में वे हार नहीं मानते हैं बल्कि चुनौतियों का डटकर मुकाबला करते हैं।
देश में कोरोना महासंकट में भी अमित शाह ने पिछले दिनों ‘वर्चुअल रैली’ के सहारे ही बंगाल और बिहार को विधानसभा चुनाव के लिए अभी से जगा दिया है। बिहार और बंगाल में भाजपा ने शाह की वर्चुअल रैली को कामयाब बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। रैली को असली लुक देने के लिए 72 हजार बूथों पर 72 हजार एलईडी स्क्रीन लगाए थे। अमित शाह की इस जनसंवाद रैली के बाद बिहार में राजद और बंगाल में तृणमूल कांग्रेस बुरी तरह तिलमिलाए हुए हैं। यही नहीं कांग्रेस ने भी इस वर्चुअल रैली को लेकर हमला बोला है। सही मायने में अमित शाह ने इन दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव का शंखनाद भी कर दिया है। हालांकि अमित शाह ने बाद में कहा कि यह चुनावी रैली नहीं थी।
सियासत के सभी दांवपेच में माहिर हो चुके हैं शाह
केंद्र में राजनीति करते-करते अमित शाह को छह वर्ष से भी अधिक हो चुके हैं। इस दौरान शाह ने देश की राजनीति को काफी आक्रामक बनाकर रख दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ भाजपा को देशभर में बुलंदियों पर ले जाने में अमित शाह की भी प्रमुख भूमिका रही है। शाह के राजनीति में कुशल प्रबंधन की पीएम मोदी सार्वजनिक रूप से कई बार उल्लेख भी कर चुके हैं। सियासत में कहां गोटी फिट करनी है कहां दांवपेच चलना है, इस मामले में अमित शाह मौजूदा समय की राजनीति में सबसे परिपक्व नेता माने जाते हैं।
तभी भारतीय जनता पार्टी में इन्हें ‘चाणक्य’ की उपाधि भी दी गई है। अमित शाह ने पिछले कुछ वर्षों से अपने आप को राजनीति में ही इस कदर ढाल लिया है कि यह ज्यादा दिनों तक चुपचाप रह नहीं पाते हैं। देश 3 महीनों से कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है। केंद्र सरकार में अमित शाह गृहमंत्री की कमान संभाले हुए हैं। इस महामारी संकटकाल में अमित शाह कुछ दिन यह सोचकर शांत बैठे रहे कि ये महामारी जल्दी देश से खत्म हो जाएगी लेकिन जब उन्हें लगा कि यह तो लंबी चलने वाली है तब उन्होंने चुनावी ताल ठोकनी शुरू कर दी है।
देश के संकटकाल में भी राजनीति करने पर भड़का विपक्ष
सही मायने में उन प्रदेशों में जहां की इस साल या अगले साल चुनाव होने हैं, उन राज्यों में आक्रामक राजनीति शुरू कर दी है। आपको बता दें कि देश इस समय कोरोना संकटकाल से जबरदस्त महाजंग लड़ रहा है ऐसे में किसी भी दल का कोई नेता सार्वजनिक रैली चाह कर भी नहीं कर पाएगा। पिछले दिनो गृहमंत्री और भाजपा के सबसे कद्दावर और कुशल रणनीतिकार अमित शाह ने बिहार, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में वर्चुअल रैली कर विपक्षी नेताओं में हलचल मचा दी है। यहां आपको जानकारी दे दें कि बिहार में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं वहीं पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव है।
इसी को लेकर शाह ने अभी से ही इन दोनों राज्यों में चुनावी बिसात बिछाने शुरू कर दी है। गृहमंत्री जान रहे हैं कि भारत में यह महामारी लंबी चलेगी इसलिए न सार्वजनिक रैली की जा सकती है न जनता के बीच सीधे जाया जा सकता है। अब उन्होंने जनता से जुड़ने के लिए एक नया माध्यम निकाला है वह है ‘वर्चुअल रैली’ यानी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के सहारे सीधे पब्लिक से जुड़ना। बिहार और बंगाल में अमित शाह की वर्चुअल रैली करने के बाद देश की राजनीतिक बार फिर गर्म हो गई है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने अमित शाह पर महामारी के बीच चुनावी शंखनाद करने के आरोप लगाए हैं। विपक्ष ने कहा कि अमित शाह अभी से ही सियासत करने में लगे हुए हैं जबकि देश इस समय कोरोना संकट के दौर से गुजर रहा है।
बिहार और बंगाल में विधानसभा चुनाव की राजनीति शुरू
पिछले दिनों अमित शाह ने बंगाल और बिहार में वर्चुअल रैली में जो आक्रामक अंदाज अपनाया वह साफ संकेत दे रहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने इन दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी है। शाह ने बिहार में राष्ट्रीय जनता दल पर जबरदस्त हमला बोला। उसके बाद बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर पलटवार किया। बंगाल सरकार पर केंद्र की योजनाएं लागू न करने का आरोप लगाते हुए अमित शाह ने ममता बनर्जी को चुनौती दी और कहा कि राजनीतिक के कई और मैदान हैं आप मैदान तय कर लो, दो-दो हाथ जाए।
अमित शाह की बिहार और बंगाल में वर्चुअल रैली के बाद तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने अमित शाह पर हमला बोला है। पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से बीजेपी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई। राज्य में चुनाव प्रचार का आगाज करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वर्चुअल रैली में राज्य की सीएम ममता बनर्जी पर हमला बोला था। उन्होंने प्रवासी मजदूरों को कथित तौर पर ‘कोरोना एक्सप्रेस’ कहने के मामले में सीएम पर निशाना साधा था और कहा था, दीदी कोरोना एक्सप्रेस ही राज्य की सत्ता से आपके बाहर होने का रास्ता तैयार करेगा। शाह के पलटवार पर बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पीछे नहीं रहीं।
ममता ने कहा कि मैंने कभी भी श्रमिक स्पेशल ट्रेन को ‘कोरोना एक्सप्रेस’ नहीं कहा। मैंने वही कहा जो लोग कह रहे हैं, उन्होंने कहा कि यदि लॉकडाउन की घोषणा के पहले केंद्र ने श्रमिक ट्रेनें भेजी होतीं तो लोगों को इतनी मुश्किलों को सामना नहीं करना पड़ता। ममता बनर्जी ने अमित शाह पर बंगाल के लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर अमित शाह की रैली पर हमला करते हुए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर तंज किया, तेजस्वी ने कहा है कि देश में महामारी फैली हुई है और भाजपा को चुनाव की चिंता है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार