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Unnecessary row over home isolation of asymptomatic positive case - Sabguru News
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सिरोही में कोविड पाजिटिव केस में इस निर्णय पर क्यों बरपा है हंगामा?

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सिरोही में कोविड पाजिटिव केस में इस निर्णय पर क्यों बरपा है हंगामा?


सबगुरु न्यूज-सिरोही। सोशल मीडिया में फ़िल्म अभिनेता किरण कुमार का एक वीडियो वायरल हो रहा है। उसमें वो बता रहे हैं कि वो कोविड पॉजिटिव थे। घर के ऊपरी माले पर कमरे में आईसोलेटेड रहते हुए 14 दिन निकाले। अब वो कोविड नेगेटिव हैं। जोधपुर शहर में भी ये हो रहा है।

इतनी जगह हो रहा है तो तय बात है कि आईसीएमआर की गाइडलाइन में होगा और है भी। सिरोही शहर में भी ये नवाचार शुरू कर दिया है, लेकिन जानकारी और कोविड को लेकर देश दुनिया में हो रहे निरन्तर बदलावों से अनभिज्ञता के कारण व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में इस निर्णय पर हंगामा बरपा है।

इसे लेकर ज्यादा हंगामा नेताओं ने मचा रखा है। इसमे आरोप ये है कि जिस असिम्पटमेटिक पॉजिटिव केस को होम आइसोलेशन में रखा गया है वो कांग्रेस नेता का करीबी है, तो ऐसे लोग ये जान लें कि मापदण्ड पूर्ण करने पर ये सुविधा भाजपा नेताओं के करीबियों को भी मिल सकती बशर्ते कि वो ‘पॉजिटिव’ होने का प्रयास करें।
-नियमों में ये प्रावधान है
दरअसल, आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार बड़े मकान में छोटे परिवार रह रहे हों तो उन्हें वोलेंटियरी आइसोलेशन किया जा सकता है। जिससे उसे एक कमरा स्वतंत्र रूप से मिल सके। मरीज का असिम्पटमेटिक होना जरूरी है। नियमानुसार इसके लिए शैक्षिक स्तर भी बेहतर होने की आवश्यकता है ताकि वो व्यक्ति ऑक्सिजन चेक, फीवर और अन्य सिम्पटम डवलप होने पर निकटवर्ती चिकित्सालय में सूचित कर देवे।
– नहीं मिल रहे थे वोलेंटियर
सिरोही में प्रशासन एक महीने से इस तरह की।कोशिश में था, लेकिन कोई कोविड पॉजिटिव केस शैक्षणिक, पारिवारिक और सुविधा के अनुरूप इस मापदण्ड में फिट नहीं हो रहा था। जिला मुख्यालय पर शनिवार जो कोविड पॉजिटिव केस आये उनमें प्रशासन को वोलेंटियरी के मापदण्ड पूरे होते दिखे और उन्होंने इसकी शुरुआत कर दी।
– सिर्फ यही रहेगा
जिला प्रशासन इसे सिर्फ शहरी क्षेत्र में ही रखेगा। ग्रामीण क्षेत्र में इसके विस्तार का कोई प्रावधान नहीं किया है। इसके पीछे प्रमुख वजह हॉस्पिटल फेसिलिटी है। कोविड असिम्पटमेटीक केस में यदि होम इसोलेशन के दौरान ऑक्सिजन लेवल कम होने की जानकारी आये तो उसे तुरंत चिकित्सालय में लाकर ऑक्सिजन देने और जरूरत होने पर ऑक्सिजन के साथ मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया जा सके। इसके लिए असिम्पटमेटिक केस की वोलेंट्री आइसोलेशन के इच्छुक व्यक्ति से एक एफिडेविट भी लिया जाता है, जिसमें प्रावधानों की पूर्ण पालना की शपथ ली जाती है।
-इनका कहना है….
आप फ़िल्म अभिनेता किरण कुमार की बात कर रहे हैं जोधपुर में भी ये किया जा रहा है। आज हमने भी शुरू किया है। पॉजिटीव असिम्पटमेटिक केस को मापदण्ड पूर्ण करने पर होम आइसोलेट किया जा सकता है। हम एक महीने से इसकी कोशिश में थे। शनिवार को।मिले पॉजिटिव केस द्वारा इसके मापदण्ड की पालना को तैयार होने पर हमने भी शुरू कर दिया है। हम सिर्फ शहर में ही ये रिस्क लेंगे गांवों में नहीं। ताकि जरूरत पड़ने पर एम्बुलेंस पहुंच सके और ऑक्सीजन की व्यवस्था कर सकें।
भगवती प्रसाद
जिला कलेक्टर, सिरोही।