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कांग्रेस विधायकों एवं मंत्रियों को बताईं बीजेपी सरकार के 6 सालों की 6 भ्रांतियां - Sabguru News
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कांग्रेस विधायकों एवं मंत्रियों को बताईं बीजेपी सरकार के 6 सालों की 6 भ्रांतियां

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कांग्रेस विधायकों एवं मंत्रियों को बताईं बीजेपी सरकार के 6 सालों की 6 भ्रांतियां

जयपुर। राजस्थान के जयपुर मे शनिवार को विधायकों एवं मंत्रियों की कार्यशाला आयोजित की गईै। ढाई घंटे चली कार्यशाला में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के सी वेणुगोपाल, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट, पर्यवेक्षक एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय चीफ प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला मौजूद रहे। इस कार्यशाला को कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला द्वार संबोधित किया गया। जिसमें उन्होंने भाजपा सरकार के छह सालों में छह भ्रांतियों के बारे में जानकारी दी।

कार्यशाल में प्रवासी मजदूरों के संकट, कोरोना, लॉकडाउन, अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति, आजादी के बाद न्यूनतम जीडीपी दर, आय की असमानता किसान की आय दोगुनी करने के नाम पर छल, महंगाई और मोदी सरकार में असीम पीड़ा के छह साल आदि बिंदुओं पर चर्चा हुई। साथ ही विचार-विमर्श और सवाल-जवाब भी हुए।

कार्यशाला के मुख्य वक्ता सुरजेवाला ने कहा कि सातवें साल की शुरुआत में भारत एक ऐसे मुकाम पर आकर खड़ा है, जहां देश के नागरिक सरकार द्वारा दी गई पीड़ा सहने को मजबूर हैं। पिछले छह सालों में देश में भटकाव की राजनीति और झूठ मोदी सरकार के कामकाज की पहचान बन गई। दुर्भाग्यवश, भटकाव के इस आडंबर ने मोदी सरकार की राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा तो किया, परंतु देश को भारी सामाजिक व आर्थिक क्षति पहुंचाई।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुशासन का अपना ब्रांड एक शब्द ‘विकास’ के बूते पर बेचा था। इस काल्पनिक विकास के लिए उन्होंने ‘60 साल बनाम 60 महीने’ का नारा लगाया। साल 2020 तक सभी वादों को पूरा करने के लिए मील का पत्थर स्थापित कर दिया गया। लेकिन आज सरकार के पास उपलब्धि के नाम पर दिखाने को क्या है?

सूरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार हर साल दो करोड़ नौकरी देने के वादे के साथ सत्ता में आई। वर्ष 2017-18 में भारत में पिछले 45 सालों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर रही (6.1 प्रतिशत – शहरी भारत में 7.8 प्रतिशत और ग्रामीण भारत में 5.3 प्रतिशत)। कोविड के बाद भारत की बेरोजगारी दर अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 27.11 प्रतिशत हुई।

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