लखनऊ/गोण्डा। उत्तर प्रदेश में गोण्डा पुलिस ने अनामिका शुक्ला फर्जीवाड़ा प्रकरण में एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए मास्टर माइंड समेत तीनों आरोपियों को मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी की अदालत मे पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया हैं।
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार गोण्डा के भुलईडीह गांव की रहने वाली अनामिका शुक्ला नें 12 जून को नगर कोतवाली में उसके शैक्षिक कागजातों के आधार पर कई जिलों में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अनामिका के नाम कर फर्जी अध्यापिकाओं को नौकरी दिलाने के सिलसिले में अज्ञात जालसाजों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
उन्होंने बताया कि इस हाई प्रोफाइल प्रकरण में स्पेशल टास्क फोर्स ने सोमवार को लखनऊ से मास्टरमाइंड पुष्पेंद्र, आनंद और रामनाथ समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर गोण्डा पुलिस को सौंप दिया था। उन्होनें बताया कि बंदियों का मेडिकल परीक्षण कराकर रिमांड पर लेने के लिए आज सीजेएम अदालत में पेश किया। अदालत ने तीनों को पुलिस अभिरक्षा में रिमांड पर दे दिय है।
नय्यर ने बताया कि इस सिलसिले में पुलिस बंदियों की निशानदेही और मामले की गहन पड़ताल कर अन्य आरोपियों की सरगर्मी से तलाश में जुटी हैं।
सरकार में शामिल कई चेहरे शिक्षक भर्ती घोटाले के किरदार
उत्तर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष पंकज मलिक ने आरोप लगाया कि योगी सरकार में शामिल कई बड़े चेहरे 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती घोटाले के खिलाड़ी हैं।
मलिक ने मंगलवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को डर था कि कहीं उन नेताओं का नाम न सामने आ जाए इसलिए अधिकारियों का तबादला किया जा रहा है। यह सरकार भ्रष्टाचारी गिरोह से संचालित हो रही है। सरकार सच का गला घोंट रही है।
गाजियाबाद के पुलिस अधिकारी ने पोस्टिंग-ट्रांसफर में व्याप्त लेन देन पर सवाल उठाया। वह दमन का शिकार बने। पीपीई किट घोटाले पर एक पत्रकार साथी ने सवाल उठा दिया तो पुलिस उन्हें प्रताड़ित करने लगी।
केजीएमयू मेडिकल कॉलेज में सवाल उठा वहां भी सरकार का रैवया दमनकारी रहा। अभी एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ने कोरोना टेस्टिंग की मांग की तो उनपर एफआईआर किया गया।
उन्होंने कहा कि अब भर्ती घोटाले की जांच कर रहे प्रयागराज एसएसपी को हटाया गया। सुनने में आ रहा है कि कोरोना का सरकार बहाना बना रही है। यह कौन सी नियमावली है कि अगर कोई बीमार है तो उसे हटा दिया जाए।
सबसे ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि प्रयागराज में जिस वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लाया गया है। ये एसएसपी महोदय वही हैं जो सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए अंधभक्तों के साथ थाली पीट रहे थे।
प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचारियों के गिरोह से संचालित हो रही है। खुलेआम युवाओं-नौजवानों के सपनों के हत्यारों को बचाने की साजिश रची गई है। यह ताबदला नहीं, बल्कि शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल लोगों को बचाने की कोशिश है।
अनामिका शुक्ला के नाम पर शिक्षिका के तौर पर नियुक्त भावना यादव अरेस्ट