जयपुर। राजस्थान में विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोपों की छाया में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए उन्नीस जून को होने वाले चुनाव में कांग्रेस की किलेबंदी मजबूत दिखाई देती है।
विधायकों की खरीद फरोख्त का मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों को एक होटल में ठहरा लिया जहां उनके साथ निर्दलीय एवं बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए चार विधायक एवं बीटीपी के दो विधायक शामिल हैं। कांग्रेस को 125 विघायकों का समर्थन बताया जा रहा है।
कांग्रेस में काफी समय से नाराज चल रहे खाद्य मंत्री रमेश मीणा के भी कल होटल पहुंचने पर पार्टी को मजबूती मिली है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे राज्यसभा चुनाव की तैयारियों का नेतृत्व कर रहे है। विधायकों को मतदान प्रक्रिया समझाने के साथ उनके मनोरंजन का भी ध्यान रखा गया है।
खरीद फरोख्त की शिकायत करने वाले सरकारी मुख्य सचेतक डा महेश जोशी ने दावा किया है कि विधायकों की खरीद फरोख्त करने वालों का खुलासा 19 जून को हो जायेगा। उधर भाजपा को समर्न देने वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) ने भी कांग्रेस पर उनके विधायकों की खरीद फरोख्त करने के प्रयास करने का आरोप लगाया था लेकिन पार्टी ने कोई शिकायत नहीं की।
भाजपा ने ही अपने विधायकों को एक पंचतारा होटल में ठहराया है संख्या बल के हिसाब से पार्टी का एक उम्मीदवार ही जीत की स्थिति में हैं लेकिन पार्टी ने दूसरा उम्मीदवार औंकार सिंह लखावत को खडा कर खरीद फरोख्त की आशंका बलवती हो गई।
कांग्रेस से बाडाबंदी के कारण भाजपा उम्मीदवार भाजपा से सहानुभूति रखने वाले विधायकों से भी संपर्क नहीं कर पा रहे है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रदेश में एलीफेंट ट्रेडिंग का आरोप लगाया तथा कहा कि कांग्रेस ने पिछली बार भी बसपा विधायकों को खरीद लिया था तथा अब भी बसपा विधायकों को लालच देकर पार्टी में शामिल कर लिया हैं।