एटा। उत्तर प्रदेश के एटा जिला प्रशासन ने मलावन क्षेत्र में ओवरब्रिज गिरने के मामले की मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दिए हैं वहीं निर्माण में लगी कंपनी के अधिकारियों पर लापरवाही बरतने के आरोप में दो अलग अलग एफआईआर दर्ज की गई है।
जिला अधिकारी सुखलाल भारती ने घटना की मजिस्ट्रेटियल जांच का जिम्मा अपर जिला अधिकारी प्रशासन विवेक मिश्रा को सौंपा है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 91 पर निर्माणधीन ओवर ब्रिज के गिरने से दो लोगों की मृत्यु हो गई थी जबकि दो अन्य घायल हो गए थे। सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने शनिवार को बताया कि ओवर ब्रिज के निर्माण में लगी पीएनसी कंपनी और एनएचएआई के कई अधिकारियों के खिलाफ दो अलग अलग एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें से कुछ को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त एक जीप पर सवार पुष्पेंद्र औऱ नरेंद्र नामक युवकाें की मृत्यु हो गई थी। दोनों का आपस में साढू का रिश्ता था। उनके ससुर मुन्ना लाल ने मलावन थाना में आईपीसी की धारा 304, 427 के तहत अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
दूसरी एफआईआर मलावन थाना के दारोगा सुरजीत ने आईपीसी की धारा 304,427,308 के तहत मलावन थाना में दर्ज कराई। इस एफआईआर में हाइड्रा क्रेन का चालक मनवीर नामजद किया गया है जो हादसे में घायल हो गया था। इसके अलावा नरेश नामक व्यक्ति भी घायल हुआ है।
दोनों एफआईआर में पीएनसी कंपनी और एनएचएआई के अधिकारियों की लापरवाही के कारण हादसा होने का जिक्र है। इस मामले में पीएनसी और एनएचएआई के कई अधिकारियों को हिरासत में लेकर पूंछतांछ जारी है।
गौरतलब है कि मलावन क्षेत्र में यह हादसा शुक्रवार शाम उस समय हुआ जब एनएच 91 पर छछेना नहर के पास ओवर ब्रिज बनने का कार्य चल रहा था। पुल पर बड़े बड़े गार्डर रखने का काम हो रहा था कि अचानक इस ओवर ब्रिज के चार बड़े बड़े गार्डर जो पुल के खंभों के ऊपर रखे गए थे वे सड़क पर आ गिरे। इस दौरान सड़क से गुजर रही एक बोलेरो कार, एक भूसा गाड़ी और एक छोटी क्रेन इन गर्डरों के नीचे दब गई। इन वाहनों में भी कुछ लोग बैठे हुए थे जो उन्ही वाहनों में दब गए।
जिला अधिकारी सुखलाल भारती ने कहा कि एनएचएआई की ओर से ओवर ब्रिज बनाने का काम पीएनसी कंपनी कर रही थी। हाइड्रा मशीन से कार्य करते वक्त ये हादसा हुआ है। इसमें जांच कराकर एफआईआर कराई जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने माना कि इस कार्य मे पी एन सी कंपनी की बड़ी लापरवाही है।