नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि योग गुरु बाबा रामदेव ने जिस दवा को कोरोना का इलाज बताकर लांच किया है उसको लेकर खुद सरकार ही सवाल उठा रही है इसलिए इस दवा को बाजार में नहीं उतारा जा सकता और अगर ऐसा होता है तो सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में इस संबंध में पूछे गए सवाल पर कहा कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना के इस दौर में कोविड-19 की दवा बनाने का दावा करता है और सरकार ही उसके इस दावे पर सवाल उठाती है तो यह देश की सवा अरब आबादी के साथ खिलवाड़ है और इसकी इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है इसलिए सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस समय लोग कोरोना महामारी से परेशान हैं और यदि कोई दवाई बनाने का दावा करता है तो लोग उसे खरीदेंगे। इसके सेवन से यदि किसी की जान जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। जब तक कोई दवा पुख्तारूप से बनकर तैयार नहीं होती और मानकों पर दवा को जांचे बिना उसे बाजार में उतारा जाता है तो इस मामले में सरकार को गंभीरता से काम करना चाहिए।
तिवारी ने कहा कि अगर आयुष मंत्रालय इसे गंभीरता से नहीं लेता है तो दूसरे कई लोग भी इसी तरह से दावा करना शुरू कर देंगे। उनका कहना था कि सभी चाहते हैं कि कोरोना की कोई पुख्ता दवा बननी चाहिए लेकिन दवा वैज्ञानिक तथ्यों से परखी और मान्यता प्राप्त होनी चाहिए।
बताया गया है कि रामदेव की इस दवा को उत्तराखंड के आयुष मंत्रालय ने प्रतिरक्षा बढाने के नाम पर लांच करने की अनुमति दी है न कि कोरोना के इलाज की दवा के रूप में इसकी अनुमति दी गई थी। केंद्र सरकार ने आज ही बाबा रामदेव की इस दवा के विज्ञापन पर रोक लगाई है।