मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में जाने माने आनन्द अस्पताल के प्रबंध निदेशक हरिओम आनन्द ने शनिवार को सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस सूत्रों के अनुसार हरिओम आनन्द कई सौ करोड़ रुपए के कर्ज में डूबे थे और इससे पहले भी कई बार आत्महत्या की कोशिश कर चुके थे। उन्हें बताया कि आज आनंद ने जहरीली गोलियां खा ली। हालत बिगड़ने पर उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
उन्होंने बताया गया है कि हरिओम आनन्द इससे पहले मेरठ के सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा अतुल भटनागर के पार्टनर थे लेकिन आपसी विवादों के कारण वह अलग हो गये थे। उसके बाद ही उन्होंने आनन्द अस्पताल की नींव रखी थी जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा निजी अस्पताल माना जाता था।
पुलिस ने बताया कि दोपहर के समय आनन्द कार चालक के साथ अपने मुरलीपुर स्थित फार्म हाउस गये थे और वहां उन्होंने सल्फास की गोलियां खा लीं। बाद में अपने ड्राइवर को बताया कि उन्होंने जहर खा लिया है और वह बचेंगे नहीं। ड्राइवर उन्हें तुरन्त अस्पताल ले गया लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका और शाम करीब पांच बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
उन्होंने बताया कि शव का कोरोना टेस्ट कराने के बाद पोस्टमार्टम कराया जाएगा। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में लगी है।