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राजस्थान समेत 6 राज्यों में जल जीवन मिशन के तहत मिलेगा रोजगार : शेखावत - Sabguru News
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राजस्थान समेत 6 राज्यों में जल जीवन मिशन के तहत मिलेगा रोजगार : शेखावत

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राजस्थान समेत 6 राज्यों में जल जीवन मिशन के तहत मिलेगा रोजगार : शेखावत

नई दिल्ली/जयपुर। कोरोना संकट के चलते घर लौटे प्रवासी मजदूर अब गांव में हर घर नल से जल के सपने को साकार करेंगे। गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत राजस्थान समेत छह राज्यों में इन मजदूरों को जल जीवन मिशन के तहत रोजगार मिलेगा।

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी कहा है कि इस महत्वाकांक्षी अभियान से घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराकर न केवल ग्रामीणों के जीवन में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण रोजगार भी पैदा होंगे। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

गरीब कल्याण रोजगार अभियान समयबद्ध 125 दिनों तक चलाए जाने वाला गहन और फोकस अभियान है, जिसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा में फैले 116 जिलों तथा 27 आकांक्षी जिले शामिल हैं।

जल जीवन मिशन के तहत गांवों में पेयजल आपूर्ति से संबंधित कार्यों में कुशल, अर्द्ध-कुशल और प्रवासी मजदूरों को शामिल करने का बड़ा अवसर है। जल शक्ति मंत्रालय ने इन राज्यों से कहा है कि वे गांवों में काम शुरू करें, ताकि इससे न केवल घरेलू स्तर पर पर्याप्त मात्रा में पानी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी, बल्कि प्रवासियों को रोजगार देने में मदद मिलेगी।

जलशक्ति मंत्रालय के अनुसार राज्यों को मौजूदा पाइप जलापूर्ति योजनाओं को बढ़ाकर या रेट्रोफिटिंग करके जल्दी किए जा सकने वाले कार्यों को प्राथमिकता देने की जरूरत है, ताकि ये गांव 100 प्रतिशत एफएचटीसी प्रदान कर हर घर जल गांव बन सकें। मौजूदा पाइप जलापूर्ति प्रणालियों की रेट्रोफिटिंग द्वारा गरीब और हाशिए पर पड़े गांवों के शेष परिवारों को घरेलू कनेक्शन प्रदान करने की अपार संभावना हैं।

चूंकि यह अभियान समयबद्ध है। विशिष्ट आउटपुट के साथ, सफल कार्यान्वयन के लिए लक्षित कार्य करने की आवश्यकता है। प्रत्येक गरीब कल्याण रोजगार योजना (जीकेआरए) गांव में उपलब्ध कराए जाने वाले कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) की संख्या, गांवों, ब्लॉकों और जिलों के लिए 100% एफएचटीसी कवरेज योजना के कार्य करने के कारण घर लौटे अकुशल, अर्द्ध-कुशल और कुशल प्रवासी के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। ये ही ग्रामीण क्षेत्र के प्रमुख आउटपुट/प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (केपीआई) हैं और राज्यों से इन पहलुओं पर काम करने का अनुरोध किया गया है।