Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
समाज को सत्कथा व संभाषण से जोड़ रहा संस्कृत भारती - Sabguru News
होम Opinion Books - Literature समाज को सत्कथा व संभाषण से जोड़ रहा संस्कृत भारती

समाज को सत्कथा व संभाषण से जोड़ रहा संस्कृत भारती

0
समाज को सत्कथा व संभाषण से जोड़ रहा संस्कृत भारती

जयपुर। सद विचारों का प्रसार करने व संभाषण के जरिए समाज को संस्कृत से जोडऩे के लिए संस्कृत भारती द्वारा लॉकडाउन के बाद से ही कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों से अनेकों लोग जुडक़र संस्कृत संभाषण सिखने के साथ ही वेदों से सम्बंधित ज्ञान भी प्राप्त कर रहे हैं।

संस्कृत भारती जयपुर प्रांत की ओर से 30 अप्रैल से प्रतिदिन सायं 8 बजे से 30 मिनट तक सत्कथा मंदाकिनी कार्यक्रम को फेसबुक द्वारा लाइव चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत कई विद्वजनों द्वारा वेद, पुराण, उपनिषद्, लौकिक साहित्य तथा सामाजिक परिप्रेक्ष्य से संबंधित कथाएं संस्कृत भाषा में सुनाई जा रही हैं। इस प्रयास से अनेकों लोग प्रतिदिन सायंकाल संस्कृत माध्यम से सपरिवार कथाओं का श्रवण करते हैं। इससे उनके भाषा अभ्यास के साथ-साथ संस्कार वृद्धि का कार्य भी हो रहा है।

प्रांत मंत्री पवन व्यास ने बताया कि कोरोना के लॉकडाउन में संस्कृत भारती के माध्यम से लोगों को पौराणिक और लोक कथाएं सुनने का अवसर प्राप्त हो रहा है। इनके माध्यम से संस्कृत भाषा को सुनने और आचरण में लाने का अवसर प्राप्त हो रहा है।

प्रांत प्रचार प्रमुख घनश्याम हरदेनिया ने बताया कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से अब तक विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्रोफेसर, भारती के कार्यकर्ताओं तथा विभिन्न क्षेत्रों के संस्कृत प्रेमियों द्वारा कथाएं कही जा चुकी हैं। इसके साथ ही तीन संस्कृत संभाषण शिविरों के माध्यम से 109 लोगों को संस्कृत बोलना सिखाया गया। अभी प्रत्येक रविवार शाम 7 बजे से रामगुण-कथा का प्रसारण होता है, जिसमें डॉ. उमेश नेपाल भगवान श्रीराम के गुणों की व्याख्या करते हैं।