जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डा़ सतीश पूनियां ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा उनकी सरकर गिराने के प्रयास करने के आरोप लगाने पर कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि वह अपने शासनकाल के पौने दो वर्ष की नाकामी छुपाने के लिए इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।
डां पूनिया ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि गहलाेत बकरा मंडी जैसे हल्के शब्दों का इस्तेमाल करके अपने ही विधायकों का अपमान कर रहे हैं, यह उनके विचलन और हताशा काे दर्शाता है। उन्होंने कहा कि विधायकों की खरीद फरोख्त का जो आरोप वह भाजपा पर लगा रहे हैं, वह काम कांग्रेस ने ही किया है। भैराेसिंह शेखावत के समय भजनलाल का अटैची कांड कैसे भुलाया जा सकता है। इसी तरह वर्ष 2008 और 2018 में बहुजन समाज पार्टी के विधायकों कांग्रेस में किस तरह विलय करवाया, यह सभी जानते हैं। दरअसल उन्हें देश का नेता बननेे की जल्दी है।
डा पूनियां ने कहा कि यह कांग्रेस को इस तरह के आरोप लगाने का नैतिक अधिकार नहीं है। राज्य में कोरोना संक्रमण से 300 से अधिक मौतें हाे गईं, लेकिन वह राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गहलोत एसओजी और एसीबी के जरिए विधायकों को डराने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस की ही एक विधायक ने साफ कहा है कि उन्हें किसी तरह का प्रलोभन नहीं दिया गया। इस तरह के आरोप लगाकर वह राजनीति की सुचिता खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। यह उनकी पार्टी का निजी झगड़ा जिसे पर भाजपा के माथे मढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।
विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि गहलोत भाजपा के नरेंद्र मोदी और अमित शाह जैसे सम्मानीय नेताओं के लिए जिस स्तर की बातें कर रहे हैं उससे वह दुखी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस अपने अंदरुनी झगड़े भाजपा पर थाेपने का प्रयास कर रही है। उन्होंने गहलोत द्वारा खुद पर लगाए गए आरोप के जवाब में कहा कि राजनीतिक जीवन में आज तक उन पर कोई आरोप नहीं लगा है। अगर यह आरोप साबित कर दें तो वह राजनीति छोड़ देंगे, नहीं तो गहलोत छोड़ें।
विधानसभा में विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि गहलोत बेशर्म, तिकड़मबाज जैसे हल्के शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं उसका जवाब देने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं। विधानसभा सत्र में ही कांग्रेस के तीन दर्जन से अधिक विधायक नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। कांग्रेस मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के खेमे में बंटी है।
राज्य सरकार विधायकों के फोन टेप करवाने जैसा घृणित कार्य कर रही है। कांग्रेस भाजपा पर खरीद फरोख्त का आरोप लगा रही है, लेकिन बसपा के विधायकों को कांग्रेस में कैसे शामिल करवाया गया, यह सभी जानते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एसओजी और एसीबी के जरिए हमें नहीं डराए।
कांग्रेस सरकार गिराने के प्रयास में थे पूनिया, कटारिया और राठौड!