ब्यावर/अजमेर। भारतीय जनता पार्टी अजमेर देहात के जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक देवीशंकर भूतड़ा ने कहा कि कोरोना महामारी में राजस्थान की जनता महामारी से परेशान है ऐसे में सरकार के मुखिया व चिकित्सा मंत्री सहित बाड़ेबंदी में ऐशो-आराम फरमाते हुए अपने कर्मो का दोष भाजपा पर मढ रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
भूतडा ने कहा कि दो माह में दूसरी बार सरकार बाड़े बन्दी में है, फिर भी कहते है कि हमारी सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। इस सरकार के पास बहुमत है तो फिर बाड़ेबंदी में कैद क्यों है।जनता इसका जवाब चाहती है कि बाड़ेबंदी कब खत्म होगी और आमजन की समस्याओं के समाधान पर सरकार कब ध्यान देगी।
भूतड़ा ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने अस्तित्व से अन्तर्द्वन्द में उलझी हुई है जिसका पटाक्षेप स्वयं मुख्यमंत्री ने किया कि उनमें व उपमुख्यमंत्री में पिछले 18 माह से कोई बोल चाल नहीं है। सरकार के उपमख्यमंत्री के साथ ही पार्टी अध्यक्ष से गहलोत की बातचीत नहीं होती है तो अविश्वास का ज्वालामुखी तो देर सवेर फटना ही था। आज राजस्थान के जो हालात है उसके दोषी स्वयं मुख्यमंत्री व उनका आलाकमान है और ठीकरा भाजपा पर फोड़ रहे हैं।
भूतड़ा ने कहा कि सम्पूर्ण देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है तब राजस्थान सरकार ने आमजन को उसके हाल पर छोड़ दिया है। कोरोना कहर बरसा रहा है, दिनोदिन मौतों का ग्राफ बढ़ रहा है। स्वयं चिकित्सा मंत्री के गृह जिले अजमेर की दुर्दशा हो रही है। रोज आंकड़े बढ रहे हैं। चिकित्सा व्यवस्था चरमरा रही है। जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं। संक्रमितों को घरों में ही क्वारंटाइन होने की सलाह दी जा रही है।
इससे साफ जाहिर है कि सरकार व प्रशासन असफल हो रहा है और चिकित्सा मंत्री कोरोना के सजगता की बात कर स्वयं पीठ थप-थपा रहे है जबकि अजमेर जिले की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है। आंकडे गवाह हैं कि अजमेर में कोरोना तेजी के साथ बढ़ रहा है। कहीं हालात बेकाबू होकर कोरोना के कम्युनिटी ट्रांसमिशन के कगार पर ना पहुंच जाएं। इस सबके बावजूद चिकित्सा मंत्री को अपने गृह जिले की कोई फिक्र नहीं है।
भूतड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री एक तरफ सचिन पायलट को गद्दार की उपाधि से सुशोभित कर रहे हैं तो दूसरी तरफ उनका आलाकमान घर लौट आने की मान-मुनवहार भी कर रहा है। यह कांग्रेस का दोगला चरित्र है जिसे जनता समझती है। कांग्रेस की सरकार अल्पमत में है जिसे बचाने के लिए गहलोत हर हथकंडे अपना रहे हैं।
लोकतंत्र की बात करने वाली सरकार स्वयं लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही है। विधायकों को डंडे के बल पर ले जाने के वीडियो भी सोशल मीडिया पर स्वयं विधायकों ने खुद डाले हैं। ऐसे में यह सरकार को सुरक्षित कहने वाले बाड़ेबंदी क्यों कर रहे हैं। इस सवाल का जवाब सरकार व कांग्रेस पार्टी से जनता मांग रही है।