जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के मामले में विधायकों के साथ आज राजभवन पहुंचे।
राजभवन पहुंचेने के बाद कांग्रेस एवं निर्दलीय विधायक सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए राजभवन के लाॅन में बैठ गए। सभी विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में तथा केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने गए तथा अविलम्ब विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की गई। सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने गहलोत से कहा कि कोरोना महामारी के दौरान विधानसभा सत्र बुलाने के मामले में विधिक राय ली जा रही है।
इससे पूर्व सभी विधायक एक पंच सितारा होटल से चार बसों में बैठ कर राजभवन लाए गए। मुख्यमंत्री गहलोत भी विधायकों के साथ बस में बैठकर आए थे।
गौरतलब है कि गहलोत कल ही राज्यपाल मिश्र से मिले थे तथा अविलम्ब विधानसभा बुलाने की मांग की थी। लेकिन इस पर अभी तक राज्यपाल की ओर से जवाब नहीं मिलने पर मजबूरन सभी विधायकों को लेकर राजभवन आए।
तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी
अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से किसी दबाव में नहीं आकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं करने पर जनता राजभवन को घेरने आ गई तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।
एक होटल में ठहरे विधायकों के साथ राजभवन की ओर कूच करने के लिए निकले गहलोत ने पत्रकारों को बताया कि सत्र बुलाने के लिए मैंने राज्यपाल को कल ही पत्र सौंप दिया था और उनसे फोन पर भी बात हुई, लेकिन इस मामले में काेई जवाब नहीं आया। उन्होंने कहा कि हम सभी विधायक राजभवन जाकर राज्यपाल से सत्र बुलाने की सामुहिक प्रार्थना करेंगे।
गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी पर राज्य में गंदी राजनीति करने और निचले स्तर पर जाकर सीबीआई और ईडी के माध्यम से दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने पुराना वाकया सुनाते हुए कहा कि दिवंगत भैरोसिंह शेखावत के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में सरकार गिराने के दो बार प्रयास किए गए थे, लेकिन तब मैंने प्रदेशाध्यक्ष होते हुए इस मामले में नहीं पड़ने का फैसला लिया और तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंहराव एवं राज्यपाल बलिराम भगत को भी इस तरह के मामले में हमारे शामिल नहीं होने की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि हमारे पास पुख्ता बहुमत है। हमारे कुछ साथियों को हरियाणा के एक रिजॉर्ट में बंधक बनाया गया है। जहां उनमें कई बीमार और परेशान हैं। वे विधायक खुद को मुक्त कराने के लिए हमें फोन भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र बुलाया गया तो दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा। बहस होगी तथा सारी बातें सामने आ जाएंगी।
गहलाेत ने कहा कि हम पूरी तरह एकजुट हैं और हमें कोई चिंता नहीं है। जबकि बहुमत साबित करने वाले को हमेशा चिंता रहती है। हम बहुमत को लेकर परेशान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल भी हमेशा यह कहता रहा है कि विधानसभा में बहुमत साबित किया जाये। न्यायिक क्षेत्र में भी ऐसी चर्चायें होने लगी थी कि विधानसभा सत्र बुलाया जाए, जिसके लिये हम तैयार हैं।
गहलाेत ने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि राज्यपाल किसी दबाव के तहत फैसला नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह विधायकों के साथ राजभवन में राज्यपाल से सामुहिक रूप से मिलेंगे और उनसे अनुरोध करेंगे कि वह किसी के दबाव में नहीं आएं। वह संवैधानिक पद पर हैं, उन्होंने संविधान की शपथ ली है। उन्हें अपनी अंतरात्मा के आधार पर निर्णय करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं और राज्य की जनता राजभवन को घेरने आ गई तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।
बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर सोमवार को सुनवाई
राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश महेन्द्र गोयल बहुजन समाजवादी पार्टी के छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने के मामले में सोमवार को सुनवाई करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के विधायक मदन दिलावर ने अदालत में इस मामले में याचिका दायर की है। दिलावर ने विधानसभा अध्यक्ष डा सीपी जोशी के समक्ष भी इस मामले में याचिका दायर की थी।
विधानसभा अध्यक्ष ने बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने का प्रार्थना पत्र स्वीकार कर इसकी इजाजत दे दी थी। नए राजनीतिक घटनाक्रम के तहत विधानसभा सत्र बुलाने का मामला इस मुद्दे पर अदालत का फैसले को देखते हुए टाला भी जा सकता है।