मुंबई। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के भविष्य को लेकर मचे घमासान के बीच महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार चला रहे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चुनौती दी है कि जिस किसी को उनकी सरकार गिरानी है, गिराकर दिखाए।
ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए साक्षात्कार में यह बात कही है। भारतीय जनता पार्टी के साथ पिछली बार सरकार में शामिल शिवसेना ने इस बार कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकां) के साथ सरकार बनाई है।
शिवसेना प्रमुख ने सरकार गिराने की चुनौती देते हुए कहा कि इंतजार किसका है? अब सरकार गिराओ, सरकार तीन पहियों वाली है, लेकिन वह गरीबों का वाहन है जिसकी स्टीयरिंग मेरे ही हाथ में है। बुलेट ट्रेन या रिक्शा में चुनाव करना पड़ा तो मैं रिक्शा ही चुनूंगा।
मध्यप्रदेश में कमलनाथ की कांग्रेस सरकार गिरने के बाद सचिन पायलट के बगावती तेवरों से राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार का भविष्य डांवाडोल हो रहा है।
महाविकास अघाड़ी सरकार के मुखिया ठाकरे ने खुली चुनौती दी कि जिस किसी को भी महाराष्ट्र की सरकार गिरानी है, गिराकर दिखाए। उन्होंने कहा कि इंतजार किस बात का, कुछ लोग कहते हैं कि अगस्त-सितंबर में गिराएंगे। मैं कहता हूं कि अभी गिराओ। मैं फेविकोल लगाकर चिपककर नहीं बैठा हूं।
मीडिया में कांग्रेसी विधायकों के अंसतोष की खबरें बीते दिनों कई बार आईं। कोरोना वायरस को लेकर भी उद्वव ठाकरे सरकार विपक्ष के निशाने पर रही है। राज्य में संक्रमण के देश में सर्वाधिक मामले और मौतें हुई हैं।
उन्होंने कहा कि मैं गरीबों के साथ ही खड़ा रहूंगा। मैं यह भूमिका बदलने वाला नहीं हूं। कोई यह नहीं सोचे कि अब मैं मुख्यमंत्री बन गया हूं, मतलब बुलेट ट्रेन के पीछे खड़ा रहूंगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है उसको उबारने का रास्ता खोजिए।
महाराष्ट्र में आपरेशन लोटस के सफल होने या नहीं होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि करके देखलो, मैं भविष्यवाणी कैसे करूंगा? आप करके देखो, जोड़-तोड़ करके देखो। एक महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि ऐसा कोई भी विपक्षी नेता दिखाओ जो दूसरी पार्टी में जाकर सर्वोच्च पद पर पहुंचा है, मुख्यमंत्री बना है।
गौरतलब है कि कर्नाटक में एचडी कुमार स्वामी की कांग्रेस गठबंधन वाली सरकार कांग्रेस के कई विधायकों के इस्तीफा देने से गिर गई थी और फिर भाजपा ने वहां बी एस येदियुरप्पा की अगुआई वाली सरकार बनाई थी। ऐसा ही मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के साथ हुआ और वहां शिवराज चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी।
पार्टी छोड़कर जाने वालों पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपको आपकी पार्टी में ऐसा क्या नहीं मिलता है कि आप दूसरी पार्टी में जाते हैं। कई ऐसे उदाहरण हैं। ऐसे तोड़फोड़ होता है उसके पीछे ‘इस्तेमाल करो और फेंक दो’ यही नीति सबने अपनाई है।
महाराष्ट्र में तीन पहियों वाली सरकार पर ठाकरे ने कहा कि यह गरीबों का वाहन है मैंने इतना ही कहा कि मैं मुख्यमंत्री होने के नाते सर्वांगीण विकास करूंगा। लोग मेरे साथ हैं इसलिए मैं बुलेट ट्रेन ले आऊं, ऐसा नहीं है, जब तक कि वो सर्वमत से ना हो इसलिए तीन पहिया तो तीन पहिया। वह एक दिशा में चलती है ना फिर आपकाे दर्द क्यों होता है?
उन्होंने उल्टा सवाल किया कि हमारी तो तीन पार्टियों की सरकार है। केंद्र में कितने दलों की सरकार है, बताओ ना? पिछली बार जब मैं एनडीए की मीटिंग में गया था, तब तो 30-35 पहिए थे। मतलब रेलगाड़ी थी।
अघाड़ी दलों के बीच मतभेदों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी गाड़ी अब पटरी पर आ रही है। अब हमारी रिक्शा अच्छे से चलने लगी है। इसकी स्टीयरिंग मेरे हाथ में है और पीछे दो लोग सवार हैं। महाराष्ट्र में एक अलग प्रयोग किया गया और तीन अलग-अलग विचारधाराओं के दल एक विचित्र राजनीतिक परिस्थिति में एक साथ आए हैं। उसमें केवल और केवल अपरिहार्यता के रूप में मुख्यमंत्री पद की कुर्सी मैंने स्वीकार की है। यह सम्मान है। सम्मान का पद है। बहुत बड़ा है लेकिन यह मेरा सपना कभी नहीं था। अब मैंने इसे स्वीकार कर लिया है।