अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ठीक दस दिन बाद यहां राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे तो गर्भ ग्रह में चांदी की पांच शिलाएं रखी जाएंगी। चालीस किलो वजन की इन शिलाओं के नाम नंदा, भद्रा, जया, रिक्ता और पूर्ना हैं।
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली बार अयोध्या आ रहे हैं। भूमि पूजन के साथ ही भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। मंदिर नया कीर्तिमान भी गढेगा। मंदिर का निर्माण पहले 37 हजार 500 सौ वर्ग फिट मे प्रस्तावित था लेकिन अब 76 हजार से 84 हजार वर्ग फिट में निर्माण किया जाएगा। पहले इसकी ऊंचाई 128 फिट थी जिसे बढा कर 161 फिट कर दिया गया है।
मंदिर में पहले एक लाख 75 हजार घन फिट पत्थर लगने थे लेकिन अब तीन लाख घन फिट पत्थर लगेंगे। राम मंदिर का पुराना मॉडल दो मंजिल का था लेकिन अब तीन मंजिल का कर दिया गया है। पहले दो मंजिल के हिसाब से 212 स्तंभ लगने वाले थे। मतलब हर तल में 106 स्तंभ लेकिन अब 318 स्तंभ लगाए जाएंगे। हर स्तंभ पर 16 यक्ष, यक्षणियों की मूर्तियां उकेरी जाएंगी।
मंदिर के नए माडल मे पांच शिखर हैं जबकि पहले इनकी संख्या तीन थी। शिखर को इसलिए ऊंचा रखा गया है ताकि यह दूर से भी दिखाई दे।
राम मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद यह दुनिया के आकर्षण का केंद्र बनेगा। निर्माण को साढे तीन साल मे पूरा कर लेने की योजना है। मंदिर के निर्माण मे लगभग 200 करोड़ रूपए के खर्च का अनुमान है लेकिन जिस तरह से दान देने वाले सामने आ रहे हैं, उससे लगता है कि निर्माण में होने वाले व्यय से बहुत अधिक राशि दान में आ जाएगी।
राम मंदिर निर्माण का बैंक खाता खुलते ही इसमें दान की रकम जमा होने लगी थी। पटना के हनुमान मंदिर ट्रस्ट ने 10 करोड़ रूपए देने की घोषणा की है तो बुलियन एसोसिएशन ने 34 किलो वजन की चांदी की 30 ईंटें दी हैं। मंदिर का निर्माण जैसे ही शुरू होगा, बडी संख्या मे दानदाता सामने आएंगे।
दूरदर्शन करेगा भूमि पूजन का सजीव प्रसारण
कोरोना संक्रमण के कारण अयोध्या में पांच अगस्त को भव्य राममंदिर निर्माण के लिए हाेने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में सीमित मेहमानों को आमंत्रित किया गया है लेकिन इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के साक्षी देश दुनिया के राम भक्त अपनी टेलीविजन स्क्रीन के माध्यम से बनेंगे।
सरकार ने श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम को जन जन तक पहुंचाने के लिए दूरदर्शन के जरिये सजीव प्रसारण की व्यवस्था की है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने रविवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य का शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण दूरदर्शन पर किया जाएगा।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि कोरोना महामारी के चलते श्रद्धालु अयोध्या ना आएं बल्कि अपने घरों में रहकर सजीव प्रसारण का आनंद ले और दीपोत्सव मनाएं। उन्होंने कहा कि भूमि पूजन के दिन देश विदेश में बसे राम भक्त अपने घरों पर और संत-महात्मा मठ मंदिर में पूर्वाह्न 11:30 से मध्याह्न 12:30 बजे तक भजन-पूजन करें और टीवी पर भूमि पूजन का सजीव प्रसारण देंखें।
राममंदिर आंदोलन के कर्णधार बढ़ाएंगे भूमि पूजन कार्यक्रम की शोभा
मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या में पांच अगस्त को भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए होने भूमि पूजन कार्यक्रम में राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी हस्तियों के अलावा साधु संत हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोपहर करीब 12 बजे राम की नगरी में पधारेंगे और रामजन्मभूमि पर चांदी की ईंट रखकर शिलान्यास करेंगे।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में 268 मेहमानों के हिस्सा लेंगे जिसमें राम मंदिर आंदोलन से जुड़े पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठतम नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह के अलावा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत आदि शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि भागवत इसी दिन आरएसएस के नए कार्यालय साकेत निलयम का उद्घाटन कर सकते हैं। उनके यहां चार अगस्त को आने की संभावना है।
चाकचौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच होने वाले कार्यक्रम के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को यहां आकर तैयारियों का जायजा लिया था और मेहमानो की सूची को फाइनल किया था। उन्होने अयोध्यावासियों से अपील की थी कि वे भूमि पूजन कार्यक्रम के ऐतिहासिक पल का स्वागत दीपोत्सव से करें।
उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक क्षण का इंतजार संत, धर्माचार्य समेत करोड़ों रामभक्तों को सैकड़ों वर्षों से है। इस पल से पहले अयोध्या के लोग अपने घर आंगन और छतों पर घी के दीपक प्रज्जवल्लित करें। मंदिरो में भी संत समाज दीपक जलाकर इस अदभुत घड़ी का इंतजार करें। उन्होंने श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों और सदस्यों के साथ मानस भवन मंदिर में एक आवश्यक बैठक की, जिसमें प्रधानमंत्री के भूमि पूजन तैयारियों पर विचार-विमर्श करके रूपरेखा तय की गई।
बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संत धर्माचार्यों से कहा कि पूरे देश में कोरोना महामारी का प्रकोप है। श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के पांच अगस्त को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भव्य राम मंदिर के भूमि पूजन में कम से कम लोग भाग लें, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके।
उन्होंने कहा कि जो लोग इसमें भाग नहीं ले पा रहे हैं वो अपने घरों में या मंदिरों में बैठ करके भगवान श्रीराम की आराधना करें। उन्होंने कहा कि पांच अगस्त को अयोध्या के संत-धर्माचार्य तथा सभी लोग अपने-अपने घरों में दीप जला करके भगवान श्रीराम के भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए खुशी जाहिर करें।