अजमेर। राज्य सरकार की बजट घोषणा के क्रम में विगत दिनों राज्य स्तरीय कमेटी द्वारा उपलब्ध संसाधनों का निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने जवाहर लाल नेहरू चिकित्साल्य को अंगदान के लिए अंग प्राप्त करने के केन्द्र के रूप में 5 साल के लिए मान्यता प्रदान की है। अब ब्रेन डैथ के मरीज, रिश्तेदारों की सहमति से विभिन्न अंगों का दान कर सकेंगे।
सामूहिक चिकित्सालय संघ के अधीक्षक डॉ. अनिल जैन ने बताया कि अंगदान के लिए गुर्दे, हृदय, आंख, लिवर, छोटी आंत, हड्डियों के टिश्यू, त्वचा के टिश्यू आदि का उपयोग किया जा सकता है। दान किए गए इन अंगों को दाता के शरीर से शल्य क्रिया द्वारा निकाला जाता है एवं दूसरे जीवित व्यक्ति के शरीर में प्रत्योरिपित किया जाता है।
उन्होंने बताया कि अंगदान से कई लोगों को नया जीवन मिल सकता है। हर वर्ष लाखों लोगों की मृत्यु सिर्फ इसलिए हो जाती है, क्योंकि उन्हें कोई डोनर नहीं मिल पाता है। अंग डोनेट करने वालो की कमी के चलते अक्सर लोग असमय ही चले जाते हैं। इस स्थिति को अंगदान करके टाला जा सकता है। आमजन में जागरूकता बढ़ने से अंगदान में वृद्धि होगी तथा अधिकतम व्यक्तियों का जीवन बचाया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि कैंसर, एचआईवी, सेप्सिस आदि से पीडित व्यक्तियों के अलावा समस्त व्यक्तियों के अंगों का दान संभव है। इस प्रक्रिया को एक निश्चित समय के भीतर पूरा करना होता है। ज्यादा समय होने पर अंग खराब होना शुरू हो जाते हैं। ब्रेन डैथ की पुष्टि होने के बाद घरवालों की सहमति से सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के पश्चात अंग प्रत्यारोपण के लिए शल्य क्रिया की जाती है।