नई दिल्ली। केंद्र सरकार के साफ सफाई को लेकर किए गए राष्ट्रीय स्तर के ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2020’ में मध्यप्रदेश के इंदौर को लगातार चौथी बार प्रथम, गुजरात के सूरत को द्वितीय और महाराष्ट्र के नवी मुंबई को तृतीय स्थान पर घोषित किया है।
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरूवार को यहां स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के परिणाम घोषित करते हुए कहा कि देश में स्वच्छता के प्रति जागरुकता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और स्वच्छ भारत अभियान का असर पूरे देश में दिखायी दे रहा है।
स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार चौथे वर्ष इंदौर प्रथम स्थान बना रहा। औद्योगिक शहर सूरत को दूसरा और नवी मुंबई को तीसरा स्थान मिला है। मई में घोषित की गयी कचरा मुक्त शहरों के आकलन में इंदौर, सूरत और नवी मुंबई को पांच सितारा रेटिंग दी गई थी।
बिहार की राजधानी पटना शहर स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में सबसे निचले स्थान पर है। इससे ऊपर पूर्वी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र और चेेन्नई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को गंगा नदी के किनारे सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया। छावनी शहरों में जालंधर छावनी को प्रथम स्थान का गाैरव हासिल हुआ।
सर्वेक्षण में 100 से ज्यादा शहरों वाले राज्य में सबसे स्वच्छ छत्तीसगढ़ और 100 से कम शहरों वाले राज्य में सबसे स्वच्छ झारखंड को घोषित किया गया। स्वच्छता सर्वेक्षण के पहले संस्करण में देश का सबसे स्वच्छ शहर मैसुरू को घोषित किया था। इसके बाद लगातार तीन साल 2017, 2018 और 2019 में इंदौर शहर सबसे स्वच्छ रहा है।
पुरी ने विजेता शहरों को बधाई को देते हुए कहा कि इससे स्थानीय लोगों के स्वच्छता के प्रति समर्पण का संकेत मिलता है। उन्होंने इस अवसर पर विजेता शहरों के स्थानीय अधिकारियों को पुरस्कृत भी किया। केंद्रीय मंत्री ने स्थानीय सफाईकर्मियों से बातचीत की। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस कार्यक्रम में मंत्रालय के सचिव दुर्गाशंकर मिश्र तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
परिणाम घोषित करने के इस कार्यक्रम ‘स्वच्छ महोत्सव’ में कुल 129 शहरों को पुरस्कार प्रदान किए गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देशभर के शहरों में साफ-सफाई से संबंधित ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2020’ के परिणामों की घोषणा करनी थी लेकिन वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए।
यह सर्वेक्षण बीते 28 दिन में पूरा किया गया है। सर्वेक्षण में कुल 4242 शहर, 62 छावनी बोर्ड और 97 गंगा किनारे के शहरों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा इसमें 1.87 करोड़ लोग शामिल किये गये। सर्वेक्षण 2020 स्वच्छता दल 58 हजार आवासीय और 20 हजार वाणिज्यिक परिसरों का दौरा किया और 64 हजार से अधिक वार्ड देखे गए। स्वच्छता ऐप पर 1.7 करोड़ लोगों ने अपना पंजीकरण कराया।
सोशल मीडिया पर 11 करोड़ से अधिक टिप्पणियां की गई। इस दौरान 5.5 लाख सफाई कर्मियों को सामाजिक कल्याण योजनाओं से जोड़ा गया है। लगभग 84 हजार से अधिक कूडा कचरा बीनने वालों को सफाई अभियान से जोड़ा गया। विभिन्न नगर निगमों ने चार लाख से अधिक कर्मचारियों को अनुबंध के आधार पर काम पर रखा गया।