पटना। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन से पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने गुरुवार को नाता तोड़ लिया। हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी की अध्यक्षता में पार्टी के कोर ग्रुप की आज यहां हुई बैठक में महागठबंधन से नाता तोड़ने का फैसला लिया गया।
बैठक के बाद पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महागठबंधन से अलग होने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। आज के बाद से हम महागठबंधन का घटक नहीं रहेगा।
रिजवान ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक जनता दल यूनाइटेड के साथ जाने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि बैठक में इस तरह के सभी फैसले लेने का अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को दिया गया है। आगे कोई भी निर्णय लेने के लिए मांझी को ही अधिकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के जो लोग अपने घटक दल के नेताओं की बात नहीं सुनते वह सत्ता में आने के बाद जनता की भी नहीं सुनेंगे।
हम के प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी ने महागठबंधन में रहने की हरसंभव कोशिश की गई लेकिन राजद के कारण वहां रहना मुश्किल हो गया था। लोकतंत्र में घटक दल के नेताओं का भी सम्मान होना चाहिए तभी मजबूती के साथ आगे बढ़ा जा सकता है। उन्होंने हम के किसी पार्टी में विलय के संबंध में पूछे गए सवाल को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि दूर-दूर तक ऐसी कोई संभावना नहीं है।
उल्लेखनीय है कि मांझी महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की मांग पिछले कुछ महीने से करते आ रहे थे लेकिन उनकी इस मांग पर राजद ने तवज्जो तक नहीं दी। समन्वय समिति को लेकर श्री मांझी कई बार तल्ख रुख अपना चुके थे, इसके बावजूद राजद हम की इस मांग को दरकिनार करता रहा। इसी को देखते हुए हम ने यह बड़ा फैसला लिया है।
राजद नीत महागठबंधन में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा), कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ही शेष रह गई हैं। राजनीतिक गलियारे में ऐसी संभावना जताई जा रही है कि मांझी राजग में वापसी कर सकते हैं।