नई दिल्ली। कांग्रेस कार्य समिति की सोमवार को होने वाली बैठक से पहले पार्टी नेतृत्व तथा संगठन में आमूल परिवर्तन को लेकर 23 वरिष्ठ नेताओं के पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र से पैदा हुई अभूतपूर्व स्थिति के बीच सोनिया गांधी ने इस्तीफा देने की इच्छा व्यक्त की है।
कांग्रेस सूत्री के अनुसार पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने कार्यसमिति की बैठक से पहले सोनिया गांधी को पत्र सौंप कर एक तरह से बैठक का एजेंडा तय कर लिया है और अब पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था की बैठक में इस मुद्दे पर विचार-विमर्श होना निश्चित है। पार्टी नेताओं ने यह पत्र सात अगस्त को सोनिया गांधी को लिखा और इसमें पार्टी संगठन में आमूल परिवर्तन की बात की गई है।
सुनने में आ रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, शशि थरूर और अभिषेक मनु सिंघवी ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आगाह किया था कि पार्टी अब सिर्फ सोशल मीडिया पर चल रही है। केन्द्र की मोदी सरकार की गिरती साख और ज्वलंत मसलों पर सडक की लडाई कैडर में जान फूंक सकती है। इसलिए सोनिया गांधी, प्रियंका वाड्रा तथा राहुल देश के अलग अलग हिस्सों में पार्टी की गतिविधियों पर ध्यान दें।
उन्होंने बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से नेतृत्व तथा संगठन में बदलाव को लेकर मिले पत्र के बाद सोनिया गांधी ने पद छोड़ने की इच्छा जाहिर करते हुए नए नेता को पार्टी की बागडोर सौंपने की बात कही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि पत्र में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ कुछ नहीं बोला गया है। इसमें शीर्ष नेतृत्व की आलोचना करने की बजाय उनकी प्रशंसा की गई है और पार्टी को मजबूत करने में उनके योगदान को विशेष रुप से सराहा गया है।
इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कांग्रेस नेतृत्व का समर्थन करते हुए कहा कि गांधी परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है।
यानी गांधी परिवार से नहीं होगा अध्यक्ष
सोनिया गांधी इस्तीफा देतीं हैं तो राहुल के अध्यक्ष बनने के आसार नहीं हैं। जानकारों की राय में कांग्रेस की रणनीति अब अब गांधी परिवार से अलग किसी को अध्यक्ष चुनने की है। इसका राजनीतिक लाभ यह होगा कि बीजेपी के हाथों से परिवारवाद का मुद्दा छिटक जाएगा।परिवारवाद के नाम पर कांग्रेस हमेशा ही निशाने पर रही है। इसलिए कांग्रेस ने सोची समझी रणनीति के तहत गैर गांधी परिवार को अध्यक्ष पद पर काबिज करने का मानस बनाया है।
हालांकि कांग्रेस में युवा नेताओं वाला एक गुट राहुल गांधी को फिर अध्यक्ष बनाने के लिए उत्साहित रहा है। लेकिन राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी की सलाह काम कर गई और राहुल अध्यक्ष पद की दौड से अलग हटते नजर आ रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि सोमवार को प्रस्तावित बैठक में सोनिया इस्तीफे की पेशकश कर सकती हैं। इसके बाद अध्यक्ष पद के लिए होने वाली चुनाव प्रक्रिया के लिए चुनाव प्रभारी के नाम का भी आमराय से ऐलान हो जाएगा।
सैलजा ने सोनिया काे लिखा पत्र
कांग्रेस के कुछ नेताओं के पार्टी में आमूल परिवर्तन की मांग और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस्तीफे की पेशकश के बीच हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा कि देश को उनके नेतृत्व की आज सबसे ज्यादा आवश्यकता है।
कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी किए पत्र में कहा है कि गांधी-नेहरू परिवार ने देश को अपने खून-पसीने से सींचा है और इस परिवार ने देश के लिए बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने सत्ता में और विपक्ष में रहकर भी निर्भीकता से लड़ाई लड़ी है।
कुमारी सैलजा ने पार्टी के कुछ नेताओं के शीर्ष नेतृत्व की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाए जाने पर कहा कि इससे यह प्रतीत होता है कि यह लोग भाजपा के कांग्रेस पार्टी को कमजोर करने के षड्यंत्र में संलिप्त हैं। उन्होंने कहा कि वह ऐसी मांग की कड़ी निंदा करती हैं। उन्होंने पत्र में लिखा है कि देश को आपके और राहुल गांधी के ओजस्वी नेतृत्व की सबसे ज्यादा आवश्यकता है।