कोटा। राजस्थान में कोटा-रावतभाटा रोड़ पर चंबल नदी के तट पर स्थित गेपरनाथ की घाटी में पानी के बीच फंसे पांच युवकों को रविवार देर रात बचाव दलों ने बचा लिया।
रविवार दोपहर को कोटा के हर्ष नंदवाना, मयंक, हिमांशु शर्मा, रियाज और अशफाक पिकनिक मनाने गए थे। ये युवक जब चंबल नदी के तट पर एक ऊंची चट्टान पर बैठे थे, तभी जलस्तर बढ़ने के कारण चट्टान पानी से घिर गई और यह पांचों वहीं फंस गए।
कुछ समय तो इन युवकों ने पानी उतरने की उम्मीद में गुजारा लेकिन जब जलस्तर बढ़ता ही गया तो वह घबरा गए। इनमें से एक युवक उनके पानी में फंसे होने की सूचना परिवारजनों को दी।
इसके बाद पुलिस, फायर बिग्रेड, एनडीआरएफ के अधिकारी बचाव दलों के साथ गेपरनाथ पहुंचे और युवकों को बाहर निकालने का प्रयास शुरू किया लेकिन अंधेरा हो जाने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
इन पांचों युवकों के करीब साढे छह घंटे चट्टान पर फंसे रहने और बचाव दल की तीन घंटे तक कड़ी मशक्कत करने के बाद देर रात करीब साढ़े बारह बजे इनको सुरक्षित बाहर निकाला जा सका।
उल्लेखनीय की सैकड़ों सीढ़ियां उतरकर ही चंबल नदी की तलहटी में स्थित गेपरनाथ की दस अगस्त 2008 में अचानक कुछ सीढ़ियां टूट जाने से सवा सौ से भी अधिक लोग गेपरनाथ की घाटी में फंस गए थे। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, बाद में रावतभाटा स्थित राजस्थान परमाणु बिजलीघर से बड़ी क्रेन मंगवा कर इन्हें कई घंटों बाद बाहर निकाला जा सका था।
कोटा से जयपुर नहीं लाने पर महिला मजदूर की मौत
कोटा से रेफर एक गंभीर रुप से घायल महिला मजदूर की गरीबी के चलते जयपुर नहीं ला सकने पर मौत हो जाने का मामला सामने आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले की आदिवासी महिला भूरी बाई (25) अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ कोटा में मजदूरी करने आई थी और उद्योग नगर क्षेत्र में झोंपड़ी बनाकर रहती थी।
भूरी बाई शनिवार को डीसीएम फैक्ट्री के बाहर ट्रोली से उतारते समय ट्रैक्टर की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गई थी और उसे इलाज के लिए कोटा के एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उसकी तबीयत लगातार खराब होने के कारण चिकित्सकों ने इलाज के लिए जयपुर रेफर कर दिया। इसके बाद उसके परिजन गरीबी हालत के चलते उसे एमबीएस अस्पताल से जयपुर ले जाने के बजाय झौंपड़ी में ले आए जहां रविवार देर रात महिला ने दम तोड़ दिया। सूचना मिलने पर पुलिस शव को आज पोस्टमार्टम के लिए एमबीएस अस्पताल लाई।