अजमेर। सर्वोच्च न्यायालय के अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा आयोजित होने के संदर्भ में दिए गए फैसले का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने स्वागत किया और साथ ही कहा कि यह फैसला छात्रहित में महत्वपूर्ण है जो उनके भविष्य के लिए दूरगामी दृष्टिकोण से लिया गया है।
आवश्यक सावधानियों के साथ अंतिम वर्ष के छात्रों के मूल्यांकन के पक्ष में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रारंभ से रही है ताकि छात्रोंहितों की व्यापक रक्षा हो सके। परिषद का मानना है कि इन परीक्षाओं को कराते हुए छात्रों की आवागमन की समस्या, स्वास्थ्य संबंधी शंकाओं इत्यादि को संज्ञान में लेकर समुचित व्यवस्था करने की आवश्यकता है।
कोरोना महामारी के कारण अधिकतर क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन का परिचालन बंद है, जिससे स्वयं का वाहन न होने वाले छात्रों को परीक्षा स्थल तक जाने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों के लिए भी परीक्षा स्थल तक आवागमन एक प्रमुख समस्या है।
अभाविप के महानगर मंत्री आसुराम डूकिया जंजीला ने कहा कि कि मूल्यांकन शैक्षिक प्रक्रिया का अत्यंत महत्वपूर्ण चरण है। सुप्रीमकोर्ट ने मूल्यांकन के दूरगामी प्रभाव को ध्यान में रखकर छात्रों के हित में मूल्यांकन संबंधी यूजीसी गाइडलाइंस में अंशत: परिवर्तन के साथ मूल्यांकन करने के पक्ष में निर्णय दिया है, यह स्वागत योग्य कदम है।
इस समय में शिक्षकों एवं समाज को छात्रों की सहायता करने के लिए आगे आने की आवश्यकता है। अभाविप भी अपनी भूमिका को समझते हुए छात्रों की समस्याओं के निवारण के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करेगा।
एबीवीपी का ऑनलाइन सदस्यता अभियान भी शुरू हो गया है जिसमें अजमेर जिले में महानगर से 50000 से ज्यादा प्रथम वर्ष या नए विद्यार्थियों का एबीवीपी में पंजीयन करने का लक्ष्य लिया है। नए छात्र विद्यार्थी परिषद से जुड़कर राष्ट्रीय की सेवा में अपना योगदान करेंगे। ऑनलाइन अभियान की साइड के जरिए नए सदस्य एबीवीपी से जुड सकते हैं। ऑनलाइन सदस्यता निशुल्क रखी गई है।