Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
'दिल्ली दंगे: 2020 अनकही कहानी' की लेखिकाओं ने अधिकारों को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर से की शिकायत - Sabguru News
होम Opinion Books - Literature ‘दिल्ली दंगे: 2020 अनकही कहानी’ की लेखिकाओं ने अधिकारों को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर से की शिकायत

‘दिल्ली दंगे: 2020 अनकही कहानी’ की लेखिकाओं ने अधिकारों को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर से की शिकायत

0
‘दिल्ली दंगे: 2020 अनकही कहानी’ की लेखिकाओं ने अधिकारों को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर से की शिकायत

Delhi Riots 2020

नई दिल्ली। ‘दिल्ली दंगे: 2020 अनकही कहानी’ पुस्तक की लेखिकाओं ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय में पुलिस प्रमुख से मुलाकात कर अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन की शिकायत की।

इन लेखिकाओं ने पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव को बताया कि वे बीते 22 अगस्त से अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन के कारण परेशान हैं। इस पुस्तक का 22 अगस्त को वेब लॉन्च कार्यक्रम था, लेकिन ठीक इससे पहले प्रकाशक ने पुस्तक लॉन्च करने से इंकार कर दिया। इसकी वजह सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा पुस्तक के खिलाफ बोलने और ब्लूम्सबरी यूके के दबाव को बताया गया है।

लेखिकाओं ने ब्लूम्सबरी पब्लिकेशन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, न्यूज पोर्टल- न्यूजलॉन्ड्री, द क्विंट और अन्य व्यक्तियों नंदिनी सुंदर, आतिश तसीर, विलियम डेलरिंपल, साकेत गोखले, आरफा खानम शेरवानी, मीना कंडास्वामी और अन्य के खिलाफ भी धमकाने, आपसी विश्वास को तोड़ने और पुस्तक की प्रति गलत तरीके से वितरित करने और उसका दुरुपयोग करने के मामले में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत शिकायत दर्ज कराई है। लेखिकाओं ने इन संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ जांच करने की मांग की है।

लेखिकाओं ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने फरवरी और मार्च में उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके एक रिपोर्ट लिखी थी, जिसे 11 मार्च को गृह राज्य मंत्री जी कृष्ण रेड्डी को सौंपा गया था। बाद में इस विषय पर एक पुस्तक लिखी गई, ताकि दिल्ली दंगों से जुड़े सत्य को अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके।

इसके लिए ब्लूम्सबरी पब्लिकेशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। पुस्तक की प्रतिलिपि हर प्रकार की प्रक्रियाओं से गुजरी जिसके बाद प्रकाशक ने इसके अंतिम मसौदे को अनुमोदित किया और पुस्तक छापी गई। इसकी प्रतियां लेखकों को भी उपलब्ध कराईं गईं। प्रकाशक ने पुस्तक की प्री-बुकिंग के लिए अमेजन पर लिंक डाला था।