नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि पुलिस अधिकारियों को अपनी वर्दी के प्रति सम्मान को हमेशा बनाये रखना चाहिए और कोरोना महामारी के दौरान अच्छे काम से पुलिस का मानवीय चेहरा लोगों के सामने आया है जो लंबे समय तक उनके जहन में रहेगा।
मोदी ने आज सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षुओं की दीक्षांत परेड में वीडियो कांफ्रेन्स से हिस्सा लिया और भविष्य के पुलिस अधिकारियों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि पुलिस को हमेशा अपनी वर्दी पर गर्व होना चाहिए और इसका दुरूपयोग नहीं किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी वर्दी का सम्मान कम न होने दें। लोगों ने कोरोना महामारी के दौरान खाकी वर्दी का मानवीय चेहरा देखा है जो कोरोना महामारी के दौरान अच्छे काम के कारण लंबे समय तक उनके जहन में रहेगा।
उन्होंने कहा कि अकादमी से बाहर निकलते ही आपकी जिम्मेदारी बढ जायेगी और लोगों का दृष्टिकोण भी आपके प्रति बदल जाएगा। व्यक्ति की आरंभिक छवि जीवन भर उसके साथ रहती है इसलिए अत्यधिक सावधानी के साथ काम करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को बारीकी से काम करने पर ध्यान देना होगा इसके लिए काम की बातों पर ध्यान दें और अर्थहीन बातों को नजरंदाज कर देना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अपराध की जांच के समय प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक इस्तेमाल हो लेकिन इसके साथ ही जमीनी स्तर पर खुफिया जानकारी एकत्र करना भी बेहद जरूरी है। उन्होंने प्रशिक्षुओं को मिशन कर्मयोगी के बारे में भी बताया और कहा कि यह सिविल सेवा में बहुत बड़ा सुधार है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने भी प्रशिक्षुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मैं आशा करता हूं कि ये युवा अधिकारी देश की सुरक्षा और एकता को सुनिश्चित करते हुए पूरी निष्ठा के साथ राष्ट्र की सेवा करेंगे। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इन अधिकारियों की राष्ट्र और कर्तव्य के प्रति कटिबद्धता हमारे युवाओं को भारतीय पुलिस सेवा में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किशन रेड्डी और केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला भी वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दीक्षांतपरेड में शामिल हुए।
2018 बैच के प्रोबेशनरी आईपीएस अधिकारियों ने पिछले साल 7 अक्तूबर को केन्द्रीय गृह मंत्री से औपचारिक भेंट की थी। युवा पुलिस अधिकारियों का उत्साहवर्धन करते हुए श्री शाह ने कहा था कि उन्हे इस बात पर गर्व होना चाहिए कि वे एक ऐसी सेवा से जुड़े हैं जो निरंतर लोगों की संरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम करती है। उन्होंने जनता के बीच पुलिस के बारे में सकारात्मक परिवर्तन लाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
इन 131 प्रशिक्षुओं में 28 महिला भी शामिल हैं। इन अधिकारियों ने सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में बुनियादी पाठ्यक्रम चरण-1 के 42 सप्ताह का प्रशिक्षण पूरा किया है।